रमजान का पाक महीना शुरू होते ही लाखों मुसलमान रोजा रखते हैं. ये रोजेदार अपने नियमों का सख्ती से पालन करते हैं. वहीं, राजस्थान के नागौर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जहां एक मुस्लिम युवक ने हिंदू युवती की जिंदगी बचाने के लिए अपना रोजा तोड़ दिया. जिंदगी और मौत के बीच झूल रही एक हिंदू गर्भवती महिला को 22 साल के युवक ने ब्लड डोनेट करने के लिए अपना रोजा तोड़ा.
हिंदू महिला की जान बचाने वाले 22 वर्षीय युवक का नाम अशरफ खान है. उन्होंने बताया कि वह भारतीय सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहते हैं. इसके लिए वह जी-जान से तैयारी कर रहे हैं. अशरफ ने बताया कि शनिवार को सोशल मीडिया में एक एक मेसेज दिखा, जिसमें एक गर्भवती महिला को ब्लड की सख्त जरूरत बताई गई थी. मैंने मेसेज देखते ही तुरंत ब्लड डोनेट करने का फैसला कर लिया.
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बता दें सावित्री देवी नाम की यह महिला अस्पताल में भर्ती थी. उन्हें बी नेगेटिव (B-) ब्लड की जरूरत थी और उनका हीमोग्लोबिन लगातार कम हो रहा था. सावित्री चुरु जिले के सुजानगढ़ स्थित जिला अस्पताल में भर्ती थी. अशरफ ने बताया कि ‘मेसेज देखते ही मैंने तुरंत फैसला लिया कि मैं महिला को ब्लड डोनेट करूंगा. मैंने मेसेज में लिखे नंबर पर तत्काल संपर्क किया. मैंने कॉल पर बताया कि मेरा रोजा है. इसलिए मैं शाम को रोजा खोलने के बाद ब्लड देने आऊंगा. लेकिन परिजनों ने बताया कि डॉक्टरों ने ब्लड की तत्काल आवश्यकता बताई है. सावित्री को कॉम्पलिकेशन बढ़ रहे थे’.
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अशरफ ने बताया कि उनको समझ नहीं आ रहा था कि वह करें तो क्या करें. उसने एक मिनट सोचा और फिर तय किया कि वह महिला को तुरंत ब्लड देने जाएगा, इसके लिए चाहे उसे अपना रोजा ही क्यों न तोड़ना पड़े. इसके बाद वह अस्पताल पहुंचा और महिला को ब्लड देने के लिए अपना रोजा तोड़ दिया.
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