मेरठ (Meerut) में इस बार ईद की नमाज को लेकर पुलिस प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि सड़क पर नमाज अदा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बार भी अगर कोई सड़क पर नमाज पढ़ेगा तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा, जैसा कि पिछली बार 200 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था।
सियासत गरमाई
इस आदेश के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। एनडीए की सहयोगी पार्टी के नेता और केंद्र सरकार में मंत्री जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) ने इस फैसले का विरोध किया है। उन्होंने मेरठ पुलिस के इस आदेश की तुलना ऑरवेलियन 1984 की पुलिसिंग से की है। उनका कहना है कि इस आदेश से धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला हो सकता है और यह एक लोकतांत्रिक देश के लिए सही नहीं है।
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एसपी आयुष विक्रम सिंह ने दी चेतावनी
एसपी आयुष विक्रम सिंह ने कहा कि सड़क पर नमाज अदा करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद उनका पासपोर्ट और लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है। यह आदेश ईद के मौके पर किसी भी अव्यवस्था को रोकने के लिए जारी किया गया है।
मुस्लिम समुदाय का विरोध
इस आदेश पर मुस्लिम समुदाय के कई सदस्यों ने विरोध जताया है। उनका कहना है कि यदि कोई रोक लगाई जाती है, तो वह सभी धर्मों के लोगों पर समान रूप से लागू होनी चाहिए, न कि सिर्फ मुसलमानों को निशाना बनाया जाए।
संभल में भी प्रशासन अलर्ट
संभल जिले में भी ईद की नमाज को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। एएसपी श्रीश्चंद ने स्पष्ट किया कि कोतवाली संभल क्षेत्र में मस्जिद और ईदगाह के अंदर ही नमाज अदा की जाएगी, और किसी भी हालत में सड़कों पर नमाज की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह परंपरागत व्यवस्था है, और सभी को नियमों का पालन करना होगा।