मध्यप्रदेश और राजस्थान और छत्तीसगढ़ चुनाव में मिली हार के बाद 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी मोदी सरकार ने सवर्ण जातियों के लिए 10 फ़ीसदी आरक्षण को मंजूरी दे दी है. आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को सरकारी नौकरियों में इसका लाभ मिलेगा. बता दें कि कैबिनेट के इस फैसले के बाद इसे क़ानून बनाने के लिए लोकसभा, राज्यसभा में पास कराकर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ही इसे लागू किया जा सकता है.
जानकारी के मुताबिक मोदी सरकार कल संविधान में संशोशन प्रस्ताव लाएगी. बता दें कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी के पारम्परिक वोटबैंक में नाराजगी देगी गयी है. जिससे जोड़कर इस फैसले को देखा जा रहा है.
बता दें कि एससी-एसटी बिल को लेकर सवर्ण समाज में मोदी सरकार के प्रति जबरदस्त नाराजगी देखी गयी. इसे लेकर देश में जगह- जगह प्रदर्शन भी हुआ. कई गाँवो में बीजेपी नेताओं के घुसने पर पाबंदी के पोस्टर भी लगे पाए गए. सवर्णों वोटरों की नाराजगी का नतीजा है कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सभी समीकरण बिठाने के बाद भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. इन चुनावों में सवर्णों ने एकजुट होकर नोटा दबाया जिसका फायदा कांग्रेस को हुआ. मोदी सरकार ने सवर्णों की नाराजगी को भांपते हुए आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए आरक्षण को मंजूरी दी है.
किन्हें मिलेगा लाभ?
जिस व्यक्ति के पास तय सीमा से अधिक संपत्ति होगी, उसे इस संशोधन का लाभ नहीं मिल पाएगा. सूत्रों की मानें तो ये आरक्षण 8 लाख सालाना आमदनी और 5 एकड़ से कम जमीन वाले सवर्णों को मिल सकता है. इसके अलावा जिनके पास सरकारी जमीन (DDA, निगम की जमीन) पर अपना मकान होगा, उन्हें भी इसका लाभ नहीं मिल पाएगा.
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