राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के हालिया बयान ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी 75 वर्ष की उम्र में रिटायरमेंट की बात नहीं की थी। विज्ञान भवन में आयोजित संघ के शताब्दी वर्ष कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वह न तो खुद रिटायर हो रहे हैं और न ही किसी को ऐसा करने के लिए कह रहे हैं। भागवत ने कहा कि संघ में पद नहीं, दायित्व होता है, और कार्य उसी के अनुसार सौंपे जाते हैं।
अखिलेश यादव का तंज
न रिटायर होऊंगा, न होने दूँगा।
जब अपनी बारी आई तो नियम बदल दिये… ये दोहरापन अच्छा नहीं।
अपनी बात से पलटनेवालों पर पराया तो क्या, कोई अपना भी विश्वास नहीं करता है।
जो विश्वास खो देते हैं, वो राज खो देते हैं।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 29, 2025
RSS प्रमुख के इस बयान पर समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बिना नाम लिए एक्स पर लिखा, न रिटायर होऊंगा,ना होने दूंगा। जब अपनी बारी आई तो नियम बदल दिए। यह दोहरापन अच्छा नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि जो अपने शब्दों से पलटते हैं, उन पर न केवल दूसरों बल्कि अपने भी विश्वास नहीं करते। अखिलेश का यह बयान सीधे तौर पर मोहन भागवत के रिटायरमेंट से जुड़े पुराने बयानों पर सवाल खड़ा करता है।
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काशी-मथुरा आंदोलन से RSS ने बनाई दूरी
अपने संबोधन में भागवत ने यह भी स्पष्ट किया कि संघ काशी और मथुरा मंदिर आंदोलनों में सक्रिय रूप से भाग नहीं लेगा। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन हिंदू समाज की भावना हो सकती है, लेकिन संघ सीधे इसका हिस्सा नहीं बनेगा। हां, यदि समाज आग्रह करेगा तो स्वयंसेवक व्यक्तिगत रूप से जुड़ सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हर जगह मंदिर ढूंढना उचित नहीं है और राम मंदिर आंदोलन संघ द्वारा समर्थित एकमात्र आंदोलन रहा है।
आरक्षण, महिलाओं की भूमिका और संघ का दृष्टिकोण
संघ प्रमुख ने आरक्षण के मुद्दे पर भी संघ की स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि संघ आरक्षण को आवश्यक और उचित मानता है और इस पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हो चुका है। महिलाओं की भूमिका पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि संघ में महिलाओं की भी प्रभावी भागीदारी है। हालांकि पुरुषों और महिलाओं की शाखाएं अलग-अलग होती हैं, लेकिन दोनों को परस्पर पूरक माना जाता है। कई संघ प्रेरित संगठनों की प्रमुख भी महिलाएं ही हैं।