पुलिस और खुफिया एजेंसियां अब खालिस्तानी आतंकी लजर मसीह की गतिविधियों पर तफ्तीश का दायरा बढ़ा चुकी हैं। तफ्तीश के दौरान खासकर उन स्थानों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जहां माफिया अतीक अहमद का दखल था। इन स्थानों पर आतंकी के पनाहगारों और सहयोगियों की तलाश की जा रही है। इसके साथ ही अतीक के गुर्गों की गतिविधियों पर भी पैनी नजर रखी जा रही है, खासकर उन गुर्गों पर, जिनके पास अवैध और विदेशी असलहे हैं।
पुलिस के अनुसार
पुलिस के अनुसार, आतंकी लजर मसीह ने अपने बयान में यह स्वीकार किया है कि वह पाकिस्तान से हथियार मंगवाता था और पंजाब में सक्रिय आतंकी संगठन से जुड़े लोग ड्रोन के माध्यम से हथियार गिराते थे, जिनकी वह तस्करी करता था। माफिया अतीक ने भी इसी तरह का बयान दिया था, जब उमेश पाल हत्याकांड के बाद उसे पुलिस कस्टडी में लिया गया था। दोनों के बयानों में समानताएं पाई गई हैं, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि अतीक के गुर्गे आतंकी की मदद कर सकते हैं।
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अतीक से जुड़े लोगों पर जांच तेज
पुलिस सूत्रों का कहना है कि अगर लजर मसीह ने अतीक से जुड़े किसी शख्स से विदेशी असलहे के बारे में संपर्क साधा है, तो इस मामले की भी जांच की जाएगी। इसके लिए स्थानीय पनाहगारों और मददगारों को चिन्हित किया जाएगा ताकि उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके। जानकारी के अनुसार, माफिया अतीक का नेटवर्क कई गांवों में सक्रिय था, विशेषकर गंगा और यमुना के किनारे वाले गांवों में, जहां उसका प्रभाव था। इन गांवों में अतीक के गुर्गे अपराधी गतिविधियों में शामिल थे और वह माफिया से मदद प्राप्त करते थे।
अतीक के गुर्गों पर कार्रवाई और हथियारों की बरामदगी
उमेश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस ने माफिया अतीक से जुड़े कई गुर्गों के खिलाफ कार्रवाई की है। वांछित पांच लाख के इनामी अपराधी साबिर के भाई जाबिर की लाश संदीपनघाट थाना क्षेत्र से बरामद हुई थी। पुलिस ने लोहरा गांव के सऊद और उसके भाई फैज को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके अलावा, सरांयअकिल के भकंदा गांव में अतीक के शूटर कवि के घर से असलहों का जखीरा बरामद हुआ था। माफिया के गनर रहे एहतेशाम के मकान से भी अवैध हथियार बरामद किए गए थे। ये गुर्गे वारदातों को अंजाम देने के बाद इन गांवों में पनाह लेते थे।
अपराधियों की गतिविधियों पर पैनी नजर
पुलिस अधिकारी के अनुसार, अपराधियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है और कई बिंदुओं पर जांच की जा रही है। पुलिस और खुफिया एजेंसियों का प्रयास है कि सभी संदिग्ध गतिविधियों और नेटवर्क का खुलासा कर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।