उत्तर प्रदेश के संभल (Sambhal) में बुधवार (17 जुलाई) को कैदियों द्वारा दो पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में यूपी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. जानकारी के मुताबिक यूपी पुलिस ने फरार कैदियों में से 2 कैदियों को अलग-अलग जाह एनकाउंटर में मार गिराया है. इस एनकाउंटर में एक पुलिसकर्मी भी जख्मी हुआ है, जिसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मुठभेड़ शनिवार को रात सम्भल बार्डर पर आदमपुर क्षेत्र के लखनपुर पुल के पास शेरगढ़ व इमरतपुर गांव के जंगल में हुई. पुलिस का कहना है कि मारे गए बदमाशों की पहचान कमल और धर्मपाल के रूप में हुई है. ये उन फरार कैदियों में से जो संभल में पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद भाग गए थे. वहीं, बाकी बचे एक अपराधी की तलाश जारी है. सोशल मीडिया पर यूपी पुलिस की जमकर तारीफ हो रही है.
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आदमपुर में शनिवार देर शाम पुलिस चेकिंग कर रही थी. इसी दौरान बाइक सवार दो लोग आते दिखे. पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस ने पीछा किया तो दोनों इमरतपुर शेरगढ़ गांव के जंगल की ओर भाग निकले. पुलिस ने बदमाशों को घेर लिया. दोनों तरफ से फायरिंग में बदमाश कमल और एक सिपाही घायल हो गया. दोनों को रहरा सीएचसी लाया गया, जहां से उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. जिला अस्पताल लाते समय कमल की मौत हो गई. मुठभेड़ के दौरान बदमाशों की गोली लगने से रहरा चौकी पर तैनात सिपाही प्रवीण कुमार घायल हो गया. घटना की जानकारी मिलने पर सम्भल पुलिस भी मौके पर पहुंची. घायल सिपाही को अस्पताल भिजवाया गया है.
एसपी सम्भल यमुना प्रसाद ने बताया कि अमरोहा और हमारी ज्वाइंट टीम ने मुठभेड़ में सिपाहियों की हत्या करने का आरोपित कमल मार गिराया है. उसके साथ मोटरसाइकिल पर मौजूद तीन अन्य बदमाशों की पुलिस ने घेराबंदी कर रखी है. आधा घंटे बाद दूसरा बदमाश धर्मपाल भी मुठभेड़ में मारा गया. तीसरे की तलाश चल रही है. मुठभेड़ में मारे गए बदमाश कमल, धर्मपाल और शकील कुंदरकी के इंजीनियर इकराम के अपहरण के बाद हत्या में शामिल थे. 2014 की इस घटना के मामले में शनिवार को फैसला आना था.
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गौरतलब है कि संभल में बुधवार को 2 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में अब तक की जांच पड़ताल में पुलिस व्यवस्था की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे पुलिस सिस्टम की लापरवाही की परतें खुल रही हैं. शुरुआती जांच में सबसे गंभीर लापरवाही सामने आई है कि कैदी वैन में 24 कैदियों को ले जा रहे 5 पुलिसकर्मियों में से 3 पुलिसकर्मियों के पास हथियार ही नहीं थे.
इन पुलिसकर्मियों में एक बुजुर्ग दरोगा चेतराम जुलाई को रिटायर्ड होने वाला था. बुजुर्ग दरोगा का शरीर ही इस लायक नहीं था कि फरार हुए बदमाशों से वह मोर्चा ले पाता. चंदौसी कोर्ट के जिस बंदी गृह में पेशी से पहले तीनों कैदी बंद थे, उस बंदी गृह के आसपास लगे चारों कैमरे बंद मिले. कैदी वैन के खटारा होने की तस्वीरें पहले ही सामने आ चुकी हैं.
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हालांकि आईजी मुरादाबाद ने लापरवाही के मामले में आरआई समेत 4 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है. आपको बता दें कि बुधबार को चंदौसी कोर्ट में पेशी पर आए तीन कैदियों शकील, कमल और धर्मपाल ने पेशी के बाद वापसी में कैदी वैन में मौजूद दो पुलिसकर्मियों हरेंद्र सिंह और ब्रजपाल की आंखों में मिर्च पाउडर झोंककर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी. पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद कैदी एक सिपाही की रायफल भी लूटकर फरार हो गए थे.
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