महोबा में क्रशर कारोबारी के मौत के मामले में फंसे निलंबित आईपीएस मणिलाल पाटीदार, एसओ और एक सिपाही की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। दरअसल, अब इन तीनों के खिलाफ न्यायालय में उपस्थित न होने पर न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट संख्या 09 लखनऊ ने गैर जमानतीय वारंट जारी कर दिया है। इसकी पुष्टि एसपी अरुण कुमार श्रीवास्तव ने की है।
तीनों के खिलाफ जारी हुआ वारंट
जानकारी के मुताबिक, एसपी अरुण कुमार श्रीवास्तव ने गुरुवार को लखनऊ में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण कोर्ट संख्या नौ ने यह वारंट जारी किया गया है। इसमें निलंबित एसपी के साथ दो अन्य पुलिसकर्मी दरोगा देवेंद्र शुक्ला और कांस्टेबल अरुण यादव के खिलाफ भी गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। कारोबारी प्रकरण में दर्ज मुकदमे में भ्रष्टाचार की धारा भी लगाई गई थी।
शासन भ्रष्टाचार के मामले को गंभीरता से लेते हुए सख्त रुख बनाए है। कुछ दिन पहले चार दिन के अंतराल में 43 पुलिसकर्मियों के तबादले मंडल के बाहर कर दिए गए। दो दिन पहले तत्कालीन एसओ कबरई देवेंद्र शुक्ला और सिपाही अरुण यादव को बर्खास्त कर दिया गया है।
ये था मामला
गौरतलब है कि व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी द्वारा तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार और तत्कालीन एसओ कबरई देवेंद्र शुक्ला के खिलाफ वीडियो वायरल कर छह लाख रुपये मांगे जाने का आरोप लगाया था। वायरल वीडियो में हत्या कराए जाने की भी बात कही थी। आठ सितंबर को क्रशर कारोबारी को गोली लगने के बाद 13 सितंबर को उसकी मौत हो गई थी। शासन ने तत्कालीन एसपी को निलंबित कर दिया था। इसके बाद एसओ कबरई देवेंद्र शुक्ला को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद से ये एसपी पुलिस की पहुंच से फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी को कई टीमें लगीं हैं।
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