समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान (Azam Khan) के परिवार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एक तरफ लखनऊ के प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने आजम पर शिकंजा कसते हुए उनकी जौहर यूनिवर्सिटी पर छापा मारा है। वहीं, दूसरी तरफ दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में सुनवाई पर न आने पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए आजम खान के विधायक बेटे अब्दुल्ला (MLA Abdullah) और उनकी पत्नी पूर्व सांसद डॉ. तजीन फात्मा (Tazin Fatma) के खिलाफ गैर जमानती वारंट (Non Bailable Warrant) जारी किए हैं।
कोर्ट ने अब सुनवाई के लिए 16 मई की तारीख निर्धारित की है। बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने शहर विधायक आजम खान और उनके परिवार के खिलाफ अब्दुल्ला के प्रमाण पत्रों से संबंधित तीन मुकदमे दर्ज कराए थे। इनमें आरोप है कि अब्दुल्ला के अलग-अलग जन्मतिथि के दो जन्म प्रमाण पत्र, दो पासपोर्ट और दो पैन कार्ड बनाए गए हैं।
जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम के अलावा उनकी पत्नी पूर्व सांसद डा. तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आरोपित हैं, जबकि पैनकार्ड मामले में पिता-पुत्र नामजद हैं। इसके अलावा पासपोर्ट के मुकदमे में अकेले अब्दुल्ला को आरोपित बनाया है। इन मुकदमों की सुनवाई एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है।
बता दें कि बुधवार को जन्म प्रमाण पत्र मामले में सुनवाई होनी थी। इस मुकदमे में सेंटपाल स्कूल के प्रधानाचार्य मनोज पाठक भी गवाह हैं। इसी स्कूल से अब्दुल्ला की प्रारंभिक शिक्षा हुई थी। प्रधानाचार्य की गवाही हो चुकी है। उनसे बचाव पक्ष के अधिवक्ता द्वारा जिरह की जानी है। इसके लिए प्रधानाचार्य कोर्ट में पेश हुए।
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मुकदमे के वादी भाजपा नेता आकाश सक्सेना भी कोर्ट पहुंचे। लेकिन, आरोपित पक्ष की ओर से कोई व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं हुआ। इसके अलावा उनके अधिवक्ता द्वारा जिरह भी नहीं की गई। भाजपा नेता के अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने बताया कि बचाव पक्ष के अधिवक्ता द्वारा आरोपितों की हाजिरी माफी के संबंध में प्रार्थना पत्र दिया गया, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। साथ ही अदालत ने मुकदमे में आरोपित मां-बेटे के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए हैं।
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