नए भारत का नया उत्तर प्रदेश’…इस लाइन को योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में और अधिक सच साबित करने में लगी है. आम आदमी को राहत देने के उद्देश्य से पंचायत विभाग ने गांव में ग्राम सचिवालय बनाने की योजना बनाई है. यूपी के गांवों में रहने वाले लोगों को पहले जाति प्रमाण पत्र, स्थायी निवास, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, खसरा-खतौनी जैसे दस्तावेजों को बनवाने के लिए शहरों-कस्बों में कॉमन सर्विस सेंटर के चक्कर लगाने पड़ते थे. अब ये सारी सुविधाएं गांव के ही पंचायत भवन में मिलेंगी.
इसके लिए गांवों के पंचायत भवनों में ही ग्राम सचिवालय बनाए जा रहे हैं, जो कॉमन सर्विस सेन्टर के रूप में काम करेंगे. अब गांव में ही जाति प्रमाण पत्र, स्थायी निवास, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, खसरा-खतौनी जैसे जरूरी कागजात ग्राम पंचायत सहायक की मदद से पंचायत सचिव जरूरतमंदों को जारी करेगें. इसके लिए पैसा भी खर्च करना नहीं पड़ेगा. गांव के लोगों को लालफीताशाही से छुटकारा दिलाने के लिए योगी सरकार ने इस व्यवस्था को लागू करने का फैसला किया है.
उत्तर प्रदेश पंचायत विभाग ने इस योजना को अपने 100 दिन के एजेंडे में शामिल किया है. आपको बता दें कि केंद्र और राज्य सरकारों की कल्याणकारी योजनाओं का सारा पैसा लाभार्थियों के बैंक खातों में आता है. गांव के लोगों को बैंकिंग सिस्टम के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है. इसलिए बैंकिग सखी भी इन ग्राम सचिवालयों में मौजूद रहेंगी, जो ग्रामीणों को उनके बैंक संबंधी कार्यों में मदद करेंगी.
पंचायत विभाग के मंत्री भूपेन्द्र चौधरी ने योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रालय का कामकाज संभालने के साथ ही अधिकारियों को बैंकिंग सखी और ग्राम सचिवालय योजना को लागू करने में तेजी लाने के आदेश दिए हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश में कुल 58,189 पंचायतें हैं, जिनमें 18 हजार ग्राम सचिवालय बनने हैं. विभागीय आंकड़ो के मुताबिक 2503 ग्राम सचिवालय के लिए पंचायत भवनों का निर्माण होना है, 723 पंचायत भवनों के लिए जमीन खरीदी जानी है और 1823 पंचायत सहायकों की भर्ती होनी है.
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