राजधानी लखनऊ (Lucknow) से यूपी एटीएस द्वारा पकड़े गए अलकायदा (Al Qaeda) के अंसार गजवातुल हिंद मॉड्यूल के संदिग्धों के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। गुरुवार को दिल्ली स्थित एनआईए मुख्यालय से आईजी आशीष बत्रा ने लखनऊ आकर डीआईजी प्रशांत कुमार और एसपी ज्योति प्रिया सिंह समेत तमाम अफसरों के साथ इस मामले की समीक्षा की। उन्होंने जांच को लेकर अहम दिशा-निर्देश दिए। एनआईए जल्द ही इस मामले में गिरफ्तार संदिग्धों से जेल में पूछताछ करने की तैयारी में है।
इस मामले में लखनऊ की एसपी ज्योति प्रिया सिंह को मुख्य जांच अधिकारी बनाया गया है। यूपी एटीएस ने 11 जुलाई को लखनऊ से 2 संदिग्ध आतंकियों मिनहाज और मशीरुद्दीन को गिरफ्तार करने के बाद इस मॉड्यूल का खुलासा किया था। बाद में उनके तीन अन्य साथियों वजीरगंज निवासी शकील, सीतापुर रोड स्थित मदेयगंज निवासी मोहम्मद मुस्तकीम और कैम्पबल रोड स्थित न्यू हैदरगंज निवासी मोहम्मद मुईन को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
दरअसल, एटीएस को सूचना मिली थी कि अल कायदा के सदस्य उमर हलमंडी पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर में सक्रिय है और इंडिया सब कांटिनेंट में आतंकियों की नर्सरी तैयार कर रहा है। मिनहाज, मशीरुद्दीन और शकील उमर हलमंडी के इशारे पर 15 अगस्त को लखनऊ और आसपास के बड़े शहरों में आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की तैयारी में थे।
लेकिन इससे पहले ही एटीएस ने ताबड़तोड़ छापेमारी कर पिस्टल, कुकर बम, विस्फोटक बरामद कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। इस दौरान पता चला था कि इनका मॉड्यूल डू इट योर सेल्फ यानि खुद ही बारूद-विस्फोटक सामान इकट्ठा करना, खुद बम बनाना, प्लानिंग करना और विस्फोट को अंजाम देना। केंद्र सरकार ने इस मामले की जांच एनआईए को सौंपने का फैसला लिया था, जिसके बाद एनआईए ने इसे टेकओवर कर लिया है।
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