देश में चल रहे 7वें वेतन आयोग पर घमासान अब नया मोड़ लेने वाला है, ख़बरों के अनुसार लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) में बेसिक पे बढ़ाने की मांग को मान सकती है. लेकिन बावजूद इसके कुछ राज्यों में सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना (OPS) Old Pension Scheme को फिर से बहाल करने की मांग तूल पकड़ सकती है. इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, ओडीशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश समेत कई अन्य राज्यों में OPS की मांग तेज हो रही है. बात अगर दिल्ली सरकार की करें तो उसने अपने कर्मचारियों को ओपीएस लागू करने का आश्वासन दिया है. इससे अन्य राज्यों के कर्मचारियों को अपने यहां भी ओपीएस लागू होने की उम्मीद जगी है.
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कर्मचारी नेताओं का ‘जेल भरो आंदोलन’
यूपी के कर्मचारी नेताओं का कहना है कि वे 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले किसी भी हाल में पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू कराने की कोशिश करेंगे. इस मामले पर संयुक्त संघर्ष संचालन समिति (S4) के अध्यक्ष एसपी तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, हमारा आंदोलन काफी पहले से चल रहा है. अभी यूपी के लाखों कर्मचारी ओपीएस लागू करने के लिए पीएम मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम तक अपनी मांग पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. इसके बाद 21 जनवरी से 5 फरवरी 2019 के बीच सरकारी कर्मचारी गिरफ्तारी देंगे और जेल भरो आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेंगे. इस आंदोलन में सरकारी कर्मचारी के साथ शिक्षक वर्ग भी शामिल है.
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दिल्ली सरकार ने मानी बात
गौरतलब है कि, दिल्ली सरकार ने पुरानी पेंशन व्यवस्था अपने यहां लागू करने का आश्वासन दिया है. यह सरकारी कर्मचारियों की जीत है. गौरतलब है कि, OPS लागू करने को लेकर पहले भी ऐसा हो चुका है. बीते साल 20 दिसंबर 2018 को यूपी की राजधानी लखनऊ में 1 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों ने विशाल रैली निकली थी. इस रैली में यूपी के तमाम जिलों से कर्मचारी व शिक्षक रैली में भाग लेने के लिए पहुंचे. उनकी मांग है कि यूपी सरकार को प्रदेश में पुरानी पेंशन योजना लागू कर देनी चाहिए. इससे न सिर्फ 2004 के बाद सरकारी सेवा में आए कर्मचारियों का भला होगा बल्कि उनके आश्रित को भी पेंशनर की मृत्युपरांत लाभ मिलेंगे.
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