जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने शनिवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से मुलाकात की। यह मुलाकात हाल ही में पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद हुई है, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। दोनों नेताओं के बीच बैठक करीब 30 मिनट तक चली, जिसमें हमले के बाद उत्पन्न सुरक्षा स्थिति सहित कई अहम मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।
केंद्र सरकार के साथ खड़ा रहेगा जम्मू-कश्मीर प्रशासन
सूत्रों के अनुसार, उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री को भरोसा दिलाया कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन केंद्र सरकार के हर निर्णय में पूरी तरह सहयोग करेगा, खासकर आतंक के खिलाफ कार्रवाई और देश की सुरक्षा से जुड़े कदमों में। यह बैठक ऐसे समय पर हुई है जब घाटी में सुरक्षा चुनौतियां तेजी से बढ़ रही हैं और केंद्र सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान को सख्त संदेश देने की बात कही है।
फारूक अब्दुल्ला की अपील- एकजुट हों लोग
इससे पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा करते हुए लोगों से आतंक के खिलाफ एकजुट रहने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘जो लोग इस हमले में शामिल हैं, वे इंसानियत के दुश्मन हैं और उन्हें नरक में सड़ना पड़ेगा।’ साथ ही उन्होंने सिंधु जल संधि की पुनरावृत्ति की मांग भी उठाई।
शहीद आदिल के घर पहुंचे फारूक अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला ने हमले में मारे गए आदिल हुसैन शाह के घर जाकर परिजनों से मुलाकात की और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। आदिल पेशे से पोनी राइड ऑपरेटर थे और हमले में मारे गए एकमात्र स्थानीय निवासी थे, बाकी सभी मृतक पर्यटक थे।
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पाकिस्तान पर कार्रवाई का निर्णय पीएम का अधिकार
पाकिस्तान को लेकर पूछे गए सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इस पर निर्णय लेने का अधिकार प्रधानमंत्री का है। हालांकि उन्होंने पाकिस्तान और वहां के नेताओं की धमकियों की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे बयानों से कश्मीर का भला नहीं होगा।
















































