लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पश्चिम बंगाल की ममता सरकार और केंद्र की मोदी सरकार के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गयी. सीएम ममता लगातार केंद्र पर हमलावर है. ममता की बीजेपी से सियासी लड़ाई में सीबीआइ पिसती हुई नजर आ रही है. ममता सरकार और सीबीआइ के बीच बढ़ते विवाद को देखकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी से फोन पर बातचीत की है.
राजनाथ से बातचीत के बाद गवर्नर ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को तलब किया है. वहीं इस मामले को लेकर गृहमंत्रालय ने सीबीआइ को जाँच से रोकने के लिए रिपोर्ट भी मांगी है.
सीबीआई और ममता बनर्जी के बीच शुरू हुई गहमागहमी अब बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले चुकी है. पार्टियां इसमें दो खेमों में बंटतीं नजर आ रही हैं. जहां एक तरफ कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी पार्टियां टीएमसी के समर्थन में हैं, वहीं बीजेपी ने सीबीआई की कार्रवाई का पुरजोर समर्थन किया है.
बता दें कि पश्चिम बंगाल में 2460 करोड़ रुपये का शारदा चिटफंड घोटाला हुआ है. इस मामले में पुलिस और ईडी की जाँच में खुलासे के मुताबिक करीब 80 फ़ीसदी जमाकर्ताओं का भुगतान अभी बाकी है. शारदा ग्रुप की 4 कंपनियों का इस्तेमाल 3 स्कीमों के जरिये पैसा इधर-उधर करने में हुआ है. इस मामले में जब सीबीआइ बंगाल के पुलिस कमिश्नर से पूछताछ करने रविवार को उनके घर पहुंची इसी कोलकाता पुलिस ने सीबीआइ के 5 अफसरों को गिरफ्तार कर लिया. सीएम ममता बनर्जी ने भी पुलिस के इस काम का समर्थन करते हुए केंद्र की मोदी सरकार को तानाशाह बता दिया. ममता ने पत्रकार वार्ता बुलाकर केंद्र सरकार पर जमकर हमले बोले और सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गयीं.
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