जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को हुए आतंकी हमले की देश में चारों ओर निंदा हो रही है. सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक युवाओं का गुस्सा देखने को मिल रहा है. वहीं आतंकवाद को लेकर बीजेपी नेता और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने आतंकवाद की गंभीर समस्या ने निपटने के लिए चीन और इज़राइल की नीतियों से सीख लेने की बात कही है. उपाध्याय ने कहा “आतंकियों को केवल मारने से ही आतंकवाद ख़त्म नहीं होगा, हमें चीन-इज़राइल से सीखना होगा”
शनिवार को अश्विनी उपाध्याय ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा “क्या देवबंद, बरेली, बुखारी और बरकती ने काफिरों के खिलाफ जिहाद और 72 हूरों को नकारा? क्या पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकवादियों को मार देने से ही आतंकवाद समाप्त हो जाएगा? मुझे तो नहीं लगता, क्योंकि जबतक आप एक आतंकी मारेंगे तबतक 10 पढ़े-लिखे नौजवान भटक चुके होंगे”.
अश्विनी आगे लिखते हैं “सेना अपनी ड्यूटी करे, सरकार अपना कार्य करे, चीन और इज़राइल से सीखे, मदरसों को स्कूल घोषित करे, समान नागरिक संहिता लागू करे, जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाए, अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक बंद करे, बच्चों के लिए समान शिक्षा लागू करे, 100 रुपये से बड़े नोट तत्काल बंद करे, 1 लाख से महंगी संपत्ति को आधार से लिंक करे, 10 हजार से महंगे समान का कैश लेन-देन बंद करे, गद्दारों के मुकदमों का फैसला एक साल में करने के लिए स्पेशल कोर्ट बनाए, अलगाववादियों, चरमपंथियों, घुसपैठियों और हवालाकारोबारियों का नार्को, पॉलीग्राफ और ब्रेनमैपिंग करने, उनकी 100% संपत्ति जब्त करने और उन्हें फांसी की सजा देने के लिए तत्काल कानून बनाए, सच भले ही कड़वा हो लेकिन बार-बार बोलना चाहिए और झूठ मीठा हो तो भी नहीं बोलना चाहिए”.
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में गुरुवार को जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने आत्मघाती हमले को अंजाम देते हुए विस्फोटकों से लदे वाहन से सीआरपीएफ जवानों की बस को टक्कर मार दी. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए. इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. इस आतंकी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर हुई है.
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की शुरुआती जांच में कई नई चीजें सामने आईं हैं. विस्फोट में आरडीएक्स का इस्तेमाल हुआ. पहले कहा जा रहा था कि विस्फोटक की मात्रा करीब साढ़े तीन सौ किलो थी, मगर अब जांच में सामने आया है कि मात्रा करीब 60 किलो थी. ऐसा धमाका 2001 के बाद पहली बार कश्मीर में हुआ. 2001 में कश्मीर विधानसभा के गेट पर आईडी धमाका हुआ था, जिसमे करीब 30 लोग मारे गये थे.इस आईडी को किसी एक्सपर्ट ने तैयार किया था जो बहुत ही घातक था. इसका असर इतना था कि सीआरपीएफ जवानों से भरी बस के परखच्चे उड़ गए.
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