Operation Sindoor: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 7 मई को “ऑपरेशन सिंदूर” के नाम से एक सख्त सैन्य मिशन शुरू किया। इस ऑपरेशन का उद्देश्य पाकिस्तान के आतंकी ढांचों को खत्म करना था। भारतीय सेना और वायुसेना की संयुक्त कार्रवाई में पाकिस्तान की सरहद के भीतर 100 किलोमीटर तक घुसकर कम से कम 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया। इस हमले में 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।
पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई और भारत की ठोस प्रतिक्रिया
इस कार्रवाई से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन और मिसाइल के ज़रिए हवाई हमले करने की कोशिश की। इसके अलावा एलओसी पर भारी गोलीबारी भी की गई। जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए पाकिस्तान एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया। भारतीय जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के 35 से 40 सैनिक मारे गए। इसके अलावा कई सैन्य चौकियों को भारी नुकसान पहुंचा। इसके बाद पाकिस्तान के DGMO ने युद्धविराम की पहल की, जिसे भारत ने सशर्त स्वीकार कर लिया।
17 संकेत, 1 संदेश – गोली नहीं, अब गोला जवाब देगा
1-रविवार को डीजीएमओ की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद हालात सामान्य होते नजर आए, लेकिन सेना ने साफ किया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अब भी जारी है।
2-7 मई को शुरू हुए इस अभियान के ज़रिए भारत ने स्पष्ट कर दिया कि यदि आतंकवाद और पाकिस्तान की ओर से हमला होगा, तो जवाब और भी ज़ोरदार होगा यानि गोली आएगी तो गोला चलाएंगे।
3-भारत पर कई बार आतंकी हमले हुए हैं, मगर पहलगाम की घटना के बाद भारत ने पूरी दुनिया को पहले से कहीं ज़्यादा सख्त और सीधा संदेश दिया है।
4- ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत तीन मुख्य लक्ष्यों-सैन्य, राजनीतिक और मानसिक दबाव-को सफलतापूर्वक प्राप्त किया गया है।
5-सैन्य उद्देश्य: आतंक के अड्डों को पूरी तरह तबाह करना। हमले बहावलपुर, मुरीदके और मुज़फ़्फ़राबाद जैसे खास ठिकानों पर किए गए जो केवल शिविर नहीं, बल्कि आतंकी गतिविधियों के केंद्र थे।
6 -राजनीतिक उद्देश्य: भारत ने यह संकेत दिया कि आतंकवाद की कीमत अब बहुत बड़ी चुकानी पड़ेगी। सिंधु जल समझौते को निलंबित कर भारत ने स्पष्ट कर दिया कि अब “खून और पानी” साथ नहीं बह सकते।
7 -मनोवैज्ञानिक उद्देश्य: आतंकियों के मुख्यालयों पर हमलों से यह जताया गया कि भारत अब सीमाओं के भीतर घुसकर भी कार्रवाई करने को तैयार है और कोई भी आतंकी नेता पाकिस्तान में सुरक्षित नहीं है।
8-ये तीनों उद्देश्य अब भारत-पाकिस्तान रिश्तों की नई बुनियाद बन चुके हैं और भविष्य में इन्हीं मानकों पर दोनों देशों के संबंध तय होंगे।
9-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत ने दो टूक शब्दों में साफ कर दिया कि पाकिस्तान अगर हमला करेगा तो जवाबी हमला जरूर होगा-भारत की नीति वही अब बिल्कुल स्पष्ट है।
10-9 मई की रात अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने पीएम मोदी से चर्चा की, लेकिन पीएम मोदी ने यह संदेश दे दिया कि अब हर हमले का जवाब पूरी ताकत से मिलेगा।
11-सिंधु जल समझौते को अब आतंकवाद से जोड़ा गया है-जब तक पाकिस्तान आतंक के रास्ते पर रहेगा, यह समझौता निलंबित रहेगा।
12-पहलगाम हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सऊदी अरब में मौजूद पीएम मोदी से बात की और संवेदना प्रकट की।
13-2001 के संसद हमले के बाद अमेरिका भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की कोशिश करता रहा, लेकिन पहलगाम हमले के बाद भारत ने ऐसी किसी भी कोशिश को पूरी तरह नकार दिया।
14-संयुक्त राष्ट्र में TRF जैसे आतंकी संगठनों का बचाव करने वाले पाकिस्तान को अब वैश्विक समुदाय ने आतंकवाद का समर्थन करने वाला देश समझना शुरू कर दिया है।
15-7 मई को जब भारत ने आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की, तो पाकिस्तान के DGMO को सूचित किया गया। लेकिन पाकिस्तान ने बातचीत के बजाय जवाबी हमले किए। 10 मई को भारत ने जब उसके आठ एयरबेस को निशाना बनाया, तब पाकिस्तान बातचीत के लिए आगे आया।
16-इसके बाद हुई द्विपक्षीय बातचीत में संघर्षविराम पर सहमति बनी और यह तय किया गया कि किसी भी उल्लंघन का जवाब तुरंत और पूरी शक्ति से दिया जाएगा।सेना को इसकी पूरी छूट मिल गई है।
17- भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि कश्मीर मुद्दे पर कोई तीसरी पार्टी हस्तक्षेप नहीं करेगी। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की वापसी ही इस समस्या का एकमात्र हल है।