ओवैसी का नीतीश सरकार को समर्थन, लेकिन रख दी ये बड़ी शर्त!

असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने बिहार में नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नेतृत्व वाली नई सरकार को समर्थन देने की बात कही है, लेकिन इसके लिए उन्होंने एक शर्त रखी है। उन्होंने , सीमांचल क्षेत्र के विकास को पहली शर्त बताया। अमौर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि अब विकास सिर्फ पटना और राजगीर तक सीमित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सीमांचल लंबे समय से नदी कटाव, पलायन और भ्रष्टाचार जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है, इसलिए सरकार को इन मुद्दों के समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।

सीमांचल की सियासी अहमियत और AIMIM की पकड़

बिहार के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित सीमांचल मुस्लिम आबादी और पिछड़ेपन वाले इलाकों के लिए जाना जाता है। हर साल कोसी नदी की बाढ़ यहाँ की स्थिति और भी खराब कर देती है। इस क्षेत्र की 24 विधानसभा सीटों में से 14 पर NDA ने जीत दर्ज की, लेकिन AIMIM ने भी अपने पुराने प्रभाव को कायम रखते हुए 5 सीटें अपने खाते में रखीं। 2020 की तरह इस बार भी पार्टी ने अपना आधार मजबूत दिखाया, हालांकि पिछली बार उसके चार विधायक चुनाव के बाद RJD में शामिल हो गए थे।

विधायकों पर कड़ी निगरानी की घोषणा

ओवैसी ने कहा कि इस बार AIMIM के सभी विधायक जनता के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने बताया कि पांचों विधायकों को सप्ताह में दो दिन अपने-अपने कार्यालय में अनिवार्य रूप से बैठना होगा। साथ ही उन्हें अपनी लाइव लोकेशन और फोटो भेजकर अपनी उपस्थिति की पुष्टि करनी होगी। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को छह महीने के भीतर लागू करने की तैयारी है और वह खुद भी हर छह महीने में सीमांचल का दौरा करेंगे।

भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान

AIMIM चीफ ने कहा कि पार्टी जनता से सीधा संवाद मजबूत करेगी और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष को आगे बढ़ाएगी। उनके अनुसार सीमांचल की जनता राजनीतिक रूप से जागरूक है और “पतंग छाप” के साथ खड़ी रहेगी। ओवैसी का दावा है कि पटना की राजनीति में बड़ा संदेश सीमांचल की धरती से ही जाएगा, और यह क्षेत्र अब अपने अधिकार और विकास के लिए आवाज़ और तेज करेगा।