Pahalgam Attack: टीआरएफ (TRF) ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले में किसी भी तरह की संलिप्तता से स्पष्ट रूप से इनकार कर दिया है। संगठन ने इसे एक झूठा, जल्दबाजी और सुनियोजित प्रयास बताया है जिसका मकसद कश्मीर की प्रतिरोध भावना को बदनाम करना है।
TRF ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल होने से किया इनकार
‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में किसी भी तरह की संलिप्तता से साफ इनकार किया है। संगठन ने इसे एक “झूठा, जल्दबाजी में रचा गया और सुनियोजित प्रयास” करार दिया, जिसका उद्देश्य कश्मीर की प्रतिरोध भावना को बदनाम करना बताया गया है।
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खुद को बताया स्थानीय और नैतिक प्रतिरोध आंदोलन
TRF ने एक बयान में खुद को “स्थानीय, मानसिक और नैतिक प्रतिरोध आंदोलन” बताया है। संगठन ने स्पष्ट किया कि उनका संघर्ष स्वतंत्रता के लिए है, न कि बेकसूर लोगों की हत्या के लिए। TRF ने जोर देकर कहा, “हम न तो किसी के एजेंट हैं, न ही किसी झूठे झंडे का हिस्सा।”
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आया था आधिकारिक संदेश
TRF के प्रवक्ता अहमद खालिद ने बताया कि हमले के तुरंत बाद संगठन के आधिकारिक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एक छोटा लेकिन अधिकृत संदेश पोस्ट किया गया था। बाद में जांच में खुलासा हुआ कि यह एक साइबर हमला था, जिसमें भारतीय खुफिया एजेंसियों की भूमिका को लेकर संदेह जताया गया।
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भारतीय एजेंसियों पर डिजिटल हमलों का आरोप
TRF ने आरोप लगाया कि भारतीय एजेंसियां अक्सर डिजिटल तकनीकों का दुरुपयोग कर भ्रम फैलाने और झूठी जिम्मेदारियां मढ़ने का काम करती हैं। प्रवक्ता ने कहा, “यह कोई नई रणनीति नहीं है। पहले भी भारत में झूठी घटनाओं का इतिहास रहा है।”
TRF ने ऐतिहासिक घटनाओं का दिया हवाला
TRF ने उदाहरण के तौर पर 2000 में चट्टीसिंहपोरा में 35 सिखों की हत्या, 2001 में भारतीय संसद पर हमला और 2019 के पुलवामा हमले को गिनाया। संगठन ने आरोप लगाया कि इन घटनाओं का उपयोग भारत सरकार ने अपने राजनीतिक और सैन्य लाभ के लिए किया था। पुलवामा हमले के संदर्भ में उन्होंने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा उठाए गए सवालों का भी उल्लेख किया।
हमारी लड़ाई अंध हिंसा नहीं, विचारधारात्मक संघर्ष है
TRF ने एक बार फिर दोहराया कि उनकी लड़ाई अंध हिंसा के लिए नहीं, बल्कि विचारधारात्मक संघर्ष के लिए है। संगठन का कहना है कि वे शहीदों, माताओं और अपनी मिट्टी की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं।
TRF देगा भारतीय एजेंसियों के खिलाफ सबूत
TRF ने दावा किया कि भारत का झूठ अब और नहीं छिपेगा। संगठन ने घोषणा की कि वे आने वाले घंटों में अपने टेलीग्राम चैनल पर भारतीय खुफिया एजेंसियों (IB और R&AW) की संलिप्तता से जुड़े सबूत पेश करेंगे, ताकि सच्चाई जनता के सामने आ सके।