प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोबारा सत्ता संभालने के बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान बातचीत के लिए बेकरार दिख रहा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि इस्लामाबाद कश्मीर मुद्दे सहित सभी सुलह योग्य समस्याओं के समाधान के लिए नई दिल्ली के साथ बातचीत करना चाहता है.
पाकिस्तान की तरफ से बातचीत की बात ऐसे समय में की गई है जब एक दिन पहले ही भारत ने साफ कह दिया था कि बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन से इतर दोनों नेताओं के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं होगी. प्रधानमंत्री इमरान खान का खत ऐसे मौके पर आया है जब भारत ने गुरुवार को कहा कि 13-14 जून को किर्गिस्तान के बिश्केक में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक की योजना नहीं है.
जियो टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे कार्यकाल के लिए पीएम मोदी को बधाई देते हुए इमरान ने पत्र में कहा कि दोनों देशों के बीच वार्ता ही दोनों देशों के लोगों को गरीबी से उबरने में मदद करने का एकमात्र समाधान है और इसके लिए जरूरी है कि क्षेत्रीय विकास के लिए साथ मिलकर काम किया जाए.
खान ने आगे कहा कि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे सहित सभी समस्याओं का समाधान चाहता है. गौरतलब है कि मोदी के सत्ता में वापस आने के बाद यह दूसरा मौका है जब पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के लोगों की बेहतरी के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है.
इससे पहले शुक्रवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री एसएम कुरैशी ने भारत के नए विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र भेजकर बधाई दी है. पत्र में उन्होंने इस्लामाबाद और दिल्ली के बीच बातचीत के जरिए रिश्ते सुधारने की अपेक्षा जताई है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री की ओर से यह पत्र पाकिस्तान के विदेश सचिव सोहेल महमूद के निजी दौरे के बाद आया है.
पाकिस्तान ने दावा किया है कि यह प्रधानमंत्री इमरान द्वारा अपने भारतीय समकक्ष को लगातार तीसरा पत्र है जिसमें उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत की पेशकश की है. इससे पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने पीएम मोदी को लोकसभा चुनावों में उनकी जीत पर फोन कर बधाई दी थी.
इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बधाई संदेश के लिए इमरान खान को धन्यवाद देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त रूप से गरीबी से लड़ने के पाकिस्तान को दिए अपने पहले के संदेश को दोहराया. मोदी ने जोर देकर कहा था कि क्षेत्र में शांति, प्रगति, समृद्धि और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विश्वास और आतंकवाद से मुक्त वातावरण बनाना आवश्यक है.
बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा के आतंकी हमले में 40 सीआरपीएफ जवानों के शहीद होने और जवाब में भारत की एयर स्ट्राइक के बाद से दोनों देशों के रिश्ते पटरी से उतरे हैं. हालांकि इमरान खान ने कई बार बातचीत के जरिए संबंध सुधारने की बातें कहीं. मगर भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद और बातचीत दोनों साथ नहीं चल सकते.
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