देश में माहौल बिगाड़ने में 5 कट्टर संगठन एक्टिव हैं और ये संगठन सोशल मीडिया के जरिए माहौल बिगाड़ रहे हैं. इस बात का खुलासा गृह मंत्रालय को भेजी गई जांच एजेंसियों की रिपोर्ट में हुआ है. इसके साथ ही इस बात का भी खुलासा हुआ है कि उत्तर प्रदेश के बरेली और पीलीभीत (Bareilly and Pilibhit) में फंडिंग को लेकर गुल्लक के जरिए पैसे जुटाए जा रहे हैं. पूरे देश में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने के लिए एक बड़ी साजिश की तैयारी हो चुकी है. अब हथियारों के साथ साथ बड़े स्तर पर सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जाएगा.
योगी के मंत्री ने सख्त की कार्रवाई की बात कही
दरअसल, पाकिस्तान के दावत-ए-इस्लामी (Dawat e islami) संगठन का कनेक्शन उदयपुर में हुई कन्हैया की हत्या के बाद सुर्खियों में आ गया है. जिसके बाद योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने ऐसे लोगों के खिलाफ प्रशासन को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी तंजीम दावत-ए-इस्लामी संगठन की गुल्लक अब लोग खुद हटा रहे हैं. उन्होंने जनता से अपील की है कि वो ऐसे लोगों का बहिष्कार करें जो देश की सुरक्षा के लिए खतरा हैं. वहीं बरेली के मेयर ने कहा है कि ये पैसा टेरर फंडिग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.
बरेली मंडल के प्रभारी मंत्री कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने सर्किट हाउस में सभी सांसद और विधायकों के साथ मीटिंग की. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मुझे मीडिया के जरिए जानकारी मिली है कि बरेली में पाकिस्तानी तंजीम दावत-ए-इस्लामी संगठन की गुल्लक दुकानों पर रखी हुई है. राजस्थान में हुई घटना के बाद अब लोग खुद ऐसी गुल्लक को हटा रहे हैं.
उन्होंने ये भी कहा कि मेरी जनता से ये अपील है जो भी देश द्रोही है, देश की सुरक्षा को खतरा पैदा करने वाले लोग हैं, उनका बहिष्कार कर देना चाहिए. मैं सरकार की तरफ से प्रशासन को ये निर्देश दूंगा की कोई भी संगठन अगर ऐसा करता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे लोगों पर बुलडोजर भी चलवा रही है.
पीलीभीत में कई सालों से सक्रिय है संगठन
दावत-ए-इस्लामी संगठन पीलीभीत में कई सालों से सक्रिय है. वह यहां के कई मदरसों को चलाने के साथ लगभग 250 दुकानों पर गुल्लक रखकर चंदा इकट्ठा कर रहा है. पीलीभीत के लगभग हर बाजार में दुकानदारों के यहां काउंटर पर वह गुल्लक रखी हुई है, जिसमें दावत-ए-इस्लामी को दान देने की अपील है.
कहां जाता है गुल्लकों में जमा पैसा?
गुल्लकों में जमा पैसा कहां जाता है इस बात की जानकारी किसी को नहीं है. बस गुल्लक पर यह लिखा है कि आप अपनी मर्जी से जितना चाहे उतना इसमें दान कर सकते हैं. गुल्लक में दस, बीस या पचास के नोट के साथ साथ फुटकर पैसे भी दिख जाएंगे. यह गुल्लक शहर के बेलो चौराहे, रामस्वरूप पार्क, बरेली दरवाजे, जहानाबाद, शेरपुर, न्यूरिया जैसे इलाके में लगभग हर दूसरी दुकान पर दावत-ए-इस्लामी के नाम से रखी हुई है. ऐसी दुकानों की संख्या 250 के करीब है.
पाकिस्तान से हो रहा संगठन का संचालन
दावत-ए-इस्लामी का नेटवर्क भारत सहित दुनिया भर में फैला हुआ है. भारत में दिल्ली और मुंबई में इसका हेडक्वार्टर है. इसका संचालन पाकिस्तान से हो रहा है और बताया जा रहा है की पीलीभीत में दावत-ए-इस्लामी का नेटवर्क 2005 से फैलना शुरू हुआ था. दावत-ए-इस्लामी के जो भी सदस्य होंगे, वो हरे रंग का साफा यानी पगड़ी पहने दिखाई देंगे.
दावत-ए-इस्लामी से जुड़े हैं कन्हैयालाल के हत्यारे
उदयपुर में कन्हैयालाल की बर्बर हत्या करने वाले हत्यारे दावत-ए-इस्लामी संगठन से भी जुड़े हुए हैं. इस जघन्य अपराध की जांच कर रहे खुफिया जांच एजेंसियों के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक कत्ल की साजिश 20 जून को उदयपुर कलेक्ट्रेट पर नूपुर शर्मा के खिलाफ हुए बड़े प्रदर्शन के बाद रची गई थी.
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