पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले में 25 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई है , जिसके बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के प्रति सख्त रुख अपनाते हुए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। इन फैसलों का असर अब ज़मीनी स्तर पर भी देखने को मिल रहा है।
बरेली में पहली कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के बरेली (Bareilly) जिले में इन फैसलों की पहली झलक देखने को मिली है, जहां कराची निवासी शहनाज बेगम को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का नोटिस जारी किया गया है। शहनाज विशेष उद्देश्य प्रवेश वीजा (एसपीईएस) पर अपने मायके बरेली आई थीं।
पाकिस्तानी नागरिकों की होगी सख्त जांच
सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई केवल एक शुरुआत है। बरेली जिले में इस समय 34 पाकिस्तानी नागरिक विभिन्न कारणों से रह रहे हैं, जिनमें से शहनाज इकलौती महिला हैं जो एसपीईएस वीजा पर हैं। अब सभी पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान, वीजा की वैधता और दस्तावेजों की गहन जांच की जाएगी।
आपात स्थिति में मिला था वीजा, अब तुरंत वापसी का आदेश
शहनाज की मां की तबीयत बिगड़ने के चलते उन्हें भारत आने के लिए विशेष अनुमति दी गई थी। अमृतसर से पंजाब मेल ट्रेन से बरेली पहुंचते समय रामपुर के पास उनका पर्स चोरी हो गया, जिसमें पासपोर्ट, वीजा और अन्य जरूरी दस्तावेज थे। उन्होंने इसकी शिकायत जीआरपी थाने में की, लेकिन जांच शुरू होने से पहले ही उन्हें देश छोड़ने का अल्टीमेटम दे दिया गया।
सुरक्षा एजेंसियां सतर्क, स्थानीय प्रशासन अलर्ट
शहनाज के मामले ने स्थानीय प्रशासन और खुफिया एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। केंद्र सरकार का निर्देश है कि किसी भी अनधिकृत पाकिस्तानी नागरिक को भारत में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी, चाहे उनके पास लॉन्ग टर्म वीजा ही क्यों न हो। अब हर केस की अलग-अलग समीक्षा की जाएगी।
एसपीईएस वीजा क्या है?
स्पेशल पर्पज एंट्री वीजा (एसपीईएस) आमतौर पर आपात स्थितियों जैसे पारिवारिक बीमारी, विवाह या किसी की मृत्यु के समय दिया जाता है। यह वीजा सीमित समय और क्षेत्र के लिए होता है। शहनाज को भी इसी श्रेणी में वीजा मिला था, लेकिन अब उन्हें भारत से लौटना होगा।
सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता
केंद्र सरकार की नई नीति के तहत अब भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की जांच और निगरानी और अधिक सख्त की जा रही है। यह मामला सरकार के रुख की गंभीरता को दर्शाता है, जिसमें सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।