पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में घुसपैठ के लिए एक सेल तैयार कर रहा था। पीएफआई के नाता करीब 50 सदस्यों को इसका प्रशिक्षण दे रहे थे। इन सदस्यों को हिंदू देवी-देवताओं के बारे में जानकारी देने के साथ ही आरएसएस की शाखा और उसके तौर तरीकों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा था, जिससे आरएसएस के अंदर इनके लोग घुसपैठ कर संवेदनशील सूचनाएं प्राप्त कर सकें।
बीकेटी से गिरफ्तार तीन सदस्यों के वाट्सएप से मिले सबूत
एसटीएफ को बख्शी का तालाब (बीकेटी) के अचरामऊ से मंगलवार को गिरफ्तार पीएफआई सदस्य मो. फैजान, मो. सुफियान और रेहान के वाट्सएप व लैपटॉप से इसके सबूत मिले हैं। एसटीएफ अब अचरामऊ और आस पड़ोस के गांव में पीएफआइ की फौज खड़ी करने वाले सरगना व ग्राम प्रधान अरशद की तलाश में दबिश दे रही है।
खुफिया एजेंसियों की पूछताछ में गिरफ्तार फैजान, सुफियान और रेहान से जानकारी मिली कि पीएफआइ की इस घुसपैठ का मुख्य मकसद आरएसएस की गतिविधियों पर नजर रखने के साथ ही संवेदनशील सूचनाएं प्राप्त करना था। आरएसएस और सरकार से जुड़ी जानकारी अपने आकाओं के माध्यम से इस्लामिक देशों देना था।
देश की आतंरिक शक्ति को कमजोर करने में जुटा था पीएफआई
मुसलमानों को एकजुट कर जल्द से जल्द हिंदुस्तान को इस्लामिक राष्ट्र बना सकें। देश की आंतरिक शक्ति को कमजोर करने में पीएफआइ पूरी तरह से लगा था। इसी लिए पीएफआई से यह लोग अधिक से अधिक कट्टरपंथी मुस्लिम युवकों को जोड़कर उन्हें धार्मिक कट्टरता का पाठ पढ़ाकर गैर मुस्लिम धर्मों के लिए भड़का रहे थे। जिससे मुसलमानों का एकछत्र राज पूरे देश में हो सके।
बताया जा रहा है कि अचरामऊ गांव में खुफिया एजेंसी की कार्रवाई के बाद बेहटा और आस पड़ोस के गांव में पीएफआई से जुड़े सैकड़ों लोग अंडरग्राउंड हो गए हैं। मंगलवार को रेहान की गिरफ्तारी के बाद उसकी पत्नी अर्शिया जहां चीख-चीख कर बता रही थी कि उसके पति पीएफआई से जुड़े हैं। आखिर हर्ज ही क्या है। आज वहां पर सन्नाटा पसरा है। लोग पीएफआई का नाम लेने से कतरा रहे हैं।
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