यूपी के 47 पुलिसकर्मियों को कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा, जानें क्या है मामला?

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 1991 के 10 सिखों के एनकाउंटर मामले में 43 पुलिसकर्मियों को गैर इरादतन हत्या का दोषी करार दिया है. दरअसल, पुलिसकर्मियों ने 1991 में दस सिखों को खालिस्तान लिब्रेशन फ्रंट का आतंकी बता कर कथित एनकाउंटर में मार दिया था. ट्रायल कोर्ट ने इन पुलिसकर्मियों को हत्या का दोषी पाते हुए 4 अप्रैल 2016 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. उच्च न्यायालय ने निचली अदालत द्वारा पुलिसकर्मियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत सुनाई गई सजा को दरकिनार करते हुए कहा कि मामला भारतीय दंड संहिता की धारा 303 के अपवाद 3 के तहत आता है, तो गैर इरादतन हत्या का मामला बनता है.

ये है मामला

जानकारी के मुताबिक, 12 जुलाई 1991 को नानकमथा पटना साहिब, हुजूर साहिब व अन्य तीर्थ स्थलों की यात्रा करते हुए 25 सिख यात्रियों का जत्था बस से लौट रहा था. पीलीभीत के कछाला घाट के पास पुलिस वालों ने बस को रोका और 11 युवकों को उतारकर अपनी नीली बस में बैठा लिया. इनमें से दस की लाश मिली जबकि शाहजहांपुर के तलविंदर सिंह का आज तक पता नहीं चला. पुलिस ने मामले को लेकर पूरनपुर, न्यूरिया और बिलसंडा थाने में तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए थे. विवेचना के बाद पुलिस ने इन मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी.

सीबीआई ने की थी मामले की जांच

एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में मामले को लेकर जनहित याचिका दाखिल की थी. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई 1992 को मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. सीबीआई ने मामले की विवेचना केबाद 57 पुलिस कर्मियों के खिलाफ सुबूतों केआधार पर चार्जशीट दायर की थी. अदालत ने मामले में 47 पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया था, जबकि 2016 तक 10 की मौत हो चुकी थी. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में 178 गवाह बनाए थे. पुलिसकर्मियों के हथियार, कारतूसों समेत 101 सुबूत तलाशे गए थे. जांच एजेंसी ने 207 कागजातों को भी अपनी 58 पन्नों की चार्जशीट में साक्ष्य के तौर पर शामिल किया था.

मामले में अदालत द्वारा दोषी करार दिए गए पुलिसकर्मी

दोषी करार दिए गए पुलिसकर्मियों में रमेश चंद्र भारती, वीरपाल सिंह, नत्थू सिंह, सुगम चंद, कलेक्टर सिंह, कुंवर पाल सिंह, श्याम बाबू, बनवारी लाल, दिनेश सिंह, सुनील कुमार दीक्षित, अरविंद सिंह, राम नगीना, विजय कुमार सिंह, उदय पाल सिंह, मुन्ना खान, दुर्विजय सिंह पुत्र टोडी लाल, गयाराम, रजिस्टर सिंह, दुर्विजय सिंह पुत्र दिलाराम, हरपाल सिंह, राम चंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, ज्ञान गिरी, लखन सिंह, नाजिम खान, नारायन दास, कृष्णवीर, करन सिंह, राकेश सिंह, नेमचंद्र, शमशेर अहमद व शैलेंद्र सिंह फिलहाल जेल में हैं.

ये अफसर हैं जमानत पर

वहीं, देवेंद्र पांडेय, मोहम्मद अनीस, वीरेंद्र सिंह, एमपी विमल, आरके राघव, सुरजीत सिंह, राशिद हुसैन, सैयद आले रजा रिजवी, सत्यपाल सिंह, हरपाल सिंह व सुभाष चंद्र जमानत पर हैं. न्यायालय ने इन्हें हिरासत में लेने का आदेश दिया है. अपील के विचाराधीन रहते 3 अपीलार्थियों दुर्गापाल, महावीर सिंह व बदन सिंह की मृत्यु हो चुकी है.

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