‘सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करो…’, 69000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने घेरा शिक्षा मंत्री का आवास

UP 69,000 Teacher Recruitment: लखनऊ (Lucknow) में 69,000 शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों ने शनिवार को बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के आवास का घेराव किया। प्रदर्शनकारियों ने ‘योगी बाबा न्याय करो–सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करो’ के नारे लगाते हुए सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने ‘ओम प्रकाश राजभर इस्तीफा दो’ और ‘केशव मौर्य इस्तीफा दो’ जैसे नारे भी लगाए। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की कमजोर पैरवी के कारण उन्हें नियुक्ति नहीं मिल पा रही है।

पुलिस से झड़प

मंत्री आवास के बाहर नारेबाजी बढ़ने पर पुलिस मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों से जगह खाली करने को कहा। लेकिन अभ्यर्थी पीछे हटने को तैयार नहीं थे और मंत्री से मिलने की मांग पर अड़े रहे। करीब आधे घंटे बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को घेरकर गाड़ियों में बैठाया। महिला पुलिसकर्मियों ने महिलाओं को जबरन गाड़ियों में बिठाया। बाद में सभी प्रदर्शनकारियों को ईको गार्डन के पास छोड़ दिया गया।  

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अभ्यर्थियों का आरोप

प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि बीते पांच वर्षों से सरकार उनकी नियुक्ति को लेकर गंभीर नहीं है। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से पिछली 22 तारीखों पर वकील पेश नहीं हुआ, जिसके कारण मामला लंबित पड़ा है। अभ्यर्थियों ने कहा कि वे शिक्षक हैं और उनकी जगह विद्यालय में होनी चाहिए, लेकिन सरकार की लापरवाही से वे सड़क पर संघर्ष करने को मजबूर हैं।

पिछले पांच वर्षों में 100 से ज्यादा बार प्रदर्शन

प्रदर्शन में शामिल अभ्यर्थियों ने बताया कि वे पिछले पांच वर्षों में 100 से ज्यादा बार लखनऊ में धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं। हर बार मंत्री केवल आश्वासन देकर चलते बनते हैं। बेरोजगारी की स्थिति में उनके लिए 100-200 रुपये भी बहुत मायने रखते हैं, फिर भी वे उधार लेकर लखनऊ पहुंचते हैं। उनका कहना था कि जब तक कोई ठोस और लिखित आश्वासन नहीं मिलेगा, वे वहां से नहीं हटेंगे।

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हम उम्मीद पर टिके हैं: अभ्यर्थी

हरदोई से आई कल्पना राजपूत ने कहा कि हर बार वे उम्मीद लेकर लखनऊ आती हैं, लेकिन हर बार निराशा हाथ लगती है। उन्होंने कहा कि अब सारी उम्मीदें 28 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं। वे चाहती हैं कि सरकार की ओर से वकील समय पर उपस्थित हों और अभ्यर्थियों की उचित पैरवी की जाए, ताकि वर्षों से लंबित भर्ती प्रक्रिया पूरी हो सके।

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