वाराणसी के बाबा विश्वनाथ के मंदिर में सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है। मंदिर प्रांगण में जूतों का पहनना वर्जित है। ऐसे में ठंड के दौरान पुजारियों और सुरक्षाकर्मियों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। काशी विश्वनाथ मंदिर के सुरक्षाकर्मी पुजारी और सेवादारों इस कड़कड़ाती सर्दी में संगमरमर के फर्श पर नंगे पांव और खड़ाऊ पहन कर अपनी ड्यूटी निभा रहे थे। अब प्रधानमंत्री की ओर से विश्वनाथ मंदिर में नंगे पांव ड्यूटी करने वाले सुरक्षाकर्मी, पुजारियों के लिए जूट के जूते भेजे गए हैं। ताकि किसी को कोई परेशानी न हो।
खड़ाऊ पहन कर ड्यूटी करने में हो रही थी दिक्कत
जानकारी के मुताबिक, बाबा विश्वनाथ मंदिर के गर्भ गृह में पुजारियों, सेवादारों और सुरक्षाकर्मियों को नंगे पांव ही ड्यूटी करनी पड़ती है क्योंकि यहां चमड़ा और रबड़ के जूते चप्पल प्रतिबंधित हैं। ऐसे में पिछले दिनों सर्दी के सितम को देखते हुए पुजारियों, सेवादारों और सुरक्षाकर्मियों को लकड़ी के खड़ाऊ दिए गए थे लेकिन संगमरमर की फर्श पर लकड़ी की खड़ाऊ से ड्यूटी करना मुश्किल हो रहा था।इस दिक्कत को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इन सभी कर्मचारियों सेवादारों और पुजारियों के लिए जूट के जूते भिजवाए गए हैं।
कमिश्नर और सीपी ने बांटी पहली किश्त
प्रधानमंत्री की ओर से विश्वनाथ मंदिर में नंगे पांव ड्यूटी करने वाले सुरक्षाकर्मी, पुजारियों के लिए जूट के जूते भेजे गए हैं। पहली किस्त में 100 जोड़ी जूते भेजे गए हैं, जिन्हें पुजारियों सेवादारों और सुरक्षाकर्मियों को बांटा गया है। यह जूट के जूते भी डिजाइनर हैं जो दिखने में भी काफी खूबसूरत हैं। पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश और कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने पुजारियों सेवादारों सुरक्षाकर्मियों को फिलहाल पहली किस्त के तौर पर आए 100 जोड़ी जूट के जूते दिए।