राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष पूरे, पीएम मोदी ने जारी किए विशेष डाक टिकट और सिक्के

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने दिल्ली में एक विशेष स्मारक डाक टिकट और स्मारक सिक्का जारी किया। यह कार्यक्रम डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित हुआ। इस मौके पर पीएम मोदी ने आरएसएस की ऐतिहासिक यात्रा और समाज में उसके योगदान को रेखांकित करते हुए संगठन को राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाला आंदोलन बताया।

सिक्के पर भारत माता और स्वयंसेवक की झलक 

जारी किए गए 100 रुपये मूल्यवर्ग के शुद्ध चांदी के स्मारक सिक्के के एक तरफ अशोक स्तंभ का शेर चिन्ह अंकित है, जबकि दूसरी ओर भारत माता की छवि के सामने तीन स्वयंसेवक पारंपरिक मुद्रा में सलामी देते हुए दर्शाए गए हैं। यह वही मुद्रा है जो हर आरएसएस कार्यक्रम में मानक रूप से अपनाई जाती है। वहीं विशेष डाक टिकट में संगठन द्वारा प्राकृतिक आपदाओं के समय किए गए राहत कार्यों को दर्शाया गया है।

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1963 के ऐतिहासिक पल को किया याद

इस अवसर पर 1963 का वह ऐतिहासिक क्षण भी याद किया गया जब गणतंत्र दिवस परेड में आरएसएस स्वयंसेवकों ने राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के अनुरोध पर मार्च किया था। यह सम्मान उन्हें 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान किए गए बेहतरीन प्रयासों की सराहना स्वरूप मिला था। आरएसएस आज भी उस क्षण को गौरव के साथ याद करता है।

पीएमओ ने बताया राष्ट्र निर्माण का आंदोलन

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने इस अवसर पर जारी बयान में कहा कि आरएसएस को भारत के राष्ट्रीय पुनर्निर्माण से जुड़ा एक अनोखा आंदोलन माना जाता है। विदेशी शासन के लंबे दौर के बाद इसकी स्थापना हुई और इसकी लोकप्रियता का कारण भारत की राष्ट्रीय गौरव भावना से गहरा जुड़ाव रहा। बयान में कहा गया कि संघ का उद्देश्य देशभक्ति, अनुशासन, आत्म-संयम और राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण है।

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शिक्षा, सेवा और आपदा राहत में योगदान

पिछली एक सदी में आरएसएस ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण और आपदा राहत जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है। इसके स्वयंसेवकों ने बाढ़, भूकंप और चक्रवात जैसी आपदाओं में राहत और पुनर्वास कार्य किए। साथ ही, संगठन से जुड़े संस्थानों ने युवाओं, महिलाओं और किसानों को सशक्त बनाने तथा समुदायों को मजबूत करने का काम किया। शताब्दी समारोह आरएसएस की उपलब्धियों और भारत की सांस्कृतिक यात्रा में उसके स्थायी योगदान को रेखांकित करते हैं।

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