सरकार ने आम जानता के हित में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. जिसके तहत सरकार कैंसर जैसी अन्य गंभीर बीमारियों की 50 से अधिक नॉन-शिड्यूल दवाओं पर खुदरा दुकानदारों और स्टॉकिस्ट की मार्जिन सीमा तय कर देगी. सरकार की इस पहल के बाद दवाओं की कीमत में काफी गिरावट आएगी. सरकार यह कदम गंभीर बीमारियों के मरीजों को राहत देने के लिए उठा रही है. अधिकारियों के अनुसार, सरकार मार्जिन की सीमा इन दवाओं के लिए 25 से 30 प्रतिशत तय करेगी. ये दवाएं वर्तमान में इसलिए महंगी हैं क्योंकि अभी इनकी कीमत दवा मूल्य नियामक से बाहर है.
Also Read: सिर्फ बछिया जन्में गाय, इसके लिए 50 करोड़ खर्च करेगी योगी सरकार
दवाएं होंगी सस्ती
ख़बरों के अनुसार, यह फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में लिया गया है. डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज (DGHS) ने ऐसी दवाओं की सूची तैयार की है. आपको बता दें इन 50 दवाओं की सूची में से 39 दवाएं ऐसी हैं जिनका इस्तेमाल कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है. बाकी बची दवाइयां अन्य गंभीर या बड़ी बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है.
एमआरपी में होता है मार्जिन का बड़ा हिस्सा
इस पर विशेषज्ञ का कहना है कि, हर दवा पर जो मूल्य होता है वह कारोबारी मार्जिन का बड़ा हिस्सा होता है. इसलिए बहुत सी कंपनियां रिटेलर्स के जरिए अपनी दवाओं की बिक्री बढ़ाने के लिए बिक्री से जुड़ी चेन में काफी ज्यादा मार्जिन देती हैं. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, इस बारे में सरकार का आदेश जारी होने के बाद औषधि विभाग के उस आदेश का मतलब नहीं रह जाएगा, जिसमें मूल्य नियंत्रण से पेटेंट कराए दवाओं को छूट प्रदान की गई थी. गौरतलब है कि, दवाएं सस्ती होने से देश में गरीब तबके को अच्छा व सस्ता इलाज मिल पाएगा.
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमेंफेसबुकपर ज्वॉइन करें, आप हमेंट्विटरपर भी फॉलो कर सकते हैं. )