समाजवादी पार्टी की सरकार में आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाने वाले लगभग 900 पुलिसकर्मियों को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. लखनऊ बेंच की पीठ ने इनके प्रमोशन के फैसले को रद्द करने के एकल पीठ के आदेश पर रोक लगा दी है. बता दें कि इन पुलिसकर्मियों में सीओ स्तर के करीब 211 अधिकारी शामिल हैं.
डेढ़ दशक पहले तत्कालीन सरकार के आदेश पर आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर सीओ और इंस्पेक्टर बनने वालों को पुराने पोस्ट पर रिवर्ट करने के आदेश पर इलाहाबाद हाई कोर्ट की खंडपीठ ने फिलहाल रोक लगा दी है. मामले के सभी पक्षकारों को कोर्ट ने पांच सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है.
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हाईकोर्ट ने यह फैसला 5 पुलिस उपाधीक्षकों विनोद सिंह सिरोही, हरिमोहन सिंह, उमेश नाथ मिश्र, राजेश कुमार द्विवेदी व एक अन्य की विशेष अपील पर दिया अपीलकर्ताओं के अधिवक्ता समीर कालिया के मुताबिक वर्ष 1994 से 2014 के बीच में राज्य सरकार की दरोगाओं के आउट ऑफ टर्न प्रमोशन की नीति रही. इसके तहत कई दरोगा से इंस्पेक्टर व कई इंस्पेक्टर से पुलिस उपाधीक्षक हो गए. वर्ष 2015 में शासन ने एक नीतिगत निर्णय के तहत इन्हें आउट आफ टर्न प्रमोशन की तिथि से वरिष्ठता देने का निर्णय किया.
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खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश के उस हिस्से पर रोक लगा दी है, जिसमें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन को रद्द किया गया है. साथ ही पक्षकारों को अपना-अपना उत्तर व प्रति उत्तर दखिल करने का समय दिया है. साथ ही कहा है कि अपीलकर्ता अगली तारीख तक अपने आउट ऑफ टर्न प्रमोशन के आधार पर किसी आगे मिलने वाले लाभ के हकदार नहीं होंगे. अगली सुनवाई 6 मई से शुरू होने वाले हफ्ते में होगी.
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