प्लॉट पर अवैध कब्जा कराने के आरोप में इंस्पेक्टर आशियाना अखिलेश चंद्र पांडे और चौकी इंचार्ज रमाबाई आशुतोष यादव को निलंबित कर दिया गया है। एडीजी राजीव कृष्णा के निर्देश पर यह कार्रवाई हुई है। एडीजी ने पीड़ित की शिकायत पर मामले की जांच कराई थी, जिसमें दोनों पुलिसकर्मी दोषी पाए गए। मामले की जांच एएसपी विधानसभा को सौंपी गई है।
एडीजी के पीआरओ ने कराई जांच
मूल रूप से सुल्तानपुर के लंभुआ नहर पुर निवासी जटाशंकर चतुर्वेदी यहां रायबरेली रोड पर औरंगाबाद जागिर में रहते हैं। जटाशंकर के मुताबिक उन्होंने एक प्लॉट की रजिस्ट्री कराई थी जिसमें घर बनवाकर वह परिवार समेत रहे रहे थे। उनका आरोप है कि 20 दिसंबर 2018 को छितवापुर पुलिस चौकी के पास रहने वाले अनिल पांडे और अरविंद शर्मा ने कई लोगों के साथ मकान खाली करने के लिए धमकाया।
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जिसके बाद पीड़ित ने 13 जनवरी को रमाबाई अंबेडकर मैदान पुलिस चौकी और थाने पर इसकी शिकायत की, लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की। इसके बाद 16 जनवरी को पुलिस की मिलीभगत से आरोपित जटाशंकर के प्लाट पर पहुंचा और फिर धमकाया। यही नहीं, आरोपियों ने जटाशंकर की पत्नी का मोबाइल छीन लिया और उसकी पिटाई कर उसके बेटे पर भी हमला किया। इसके बाद पूरा घर गिराकर नगदी और अन्य सामान लूट ले गए।
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100 नंबर पर सूचना के बाद पुलिस आई और जटाशंकर को थाने जाने के लिए कहा गया। आरोप है कि पीड़ित परिवार थाने पहुंचा तो उसे गालियां देकर भगा दिया गया। ऐसे में पीड़ित जटाशंकर ने एडीजी से शिकायत की। एडीजी ने मंगलवार को अपने पीआरओ राजेश दीक्षित से प्रकरण की जांच कराई तो इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज की भूमिका संलिप्त पाई गई। जिसके बाद दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। वहीं एडीजी के निर्देश पर बुधवार को जटाशंकर की एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है।
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