वो कहते हैं ना कि जब आदमी कुछ करने की ठान ले तो क्या नहीं कर सकता। कुछ इसी बात को साबित किया है बुलंदशहर जिले में तैनात डिप्टी एसपी वंदना शर्मा ने। दरअसल, उन्हीं की मेहनत और कड़ी लगन का नतीजा है कि सिर्फ 140 दिनों में एक मासूम बच्ची से दुष्कर्म करके उसकी हत्या करने वाले आरोपी को फांसी की सजा सुनाई गई। जब बेटी के आरोपी को फांसी की सजा दी गई तो बच्ची के माता पिता डिप्टी एसपी को धन्यवाद देने पहुंचे। उस वक्त उनकी आंखे नम थीं।
ये है पूरा घटनाक्रम
जानकारी के मुताबिक, 25 फरवरी 2021 को उस वक्त की है जब अनूपशहर के एक गांव में एक किसान परिवार खेत में काम कर रहा है। परिवार की 12 साल की बेटी गुड़िया (काल्पनिक नाम) को इसी दौरान प्यास लगी और वह जंगल में स्थित हरेन्द्र के घर तक पानी लेने आयी लेकिन घंटों बीत जाने के बाद भी गुड़िया वापस माता-पिता के पास नही लौटी। शाम हो गयी और पूरा परिवार गांववालों के साथ बेटी को तलाशता रहा पर गुड़िया नही मिली।
जब बच्ची का कहीं पता नहीं लगा तो 28 फरवरी 2021 को गुड़िया के पिता ने हरेन्द्र पर शक जाहिर करते हुए अनूपशहर थाने में बेटी के अपहरण का केस दर्ज कराया। मामले की गंभीरता को देखते हुए मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक और बुलंदशहर के एसएसपी ने इस केस की तफ्तीश और पैरवी के लिए खासतौर पर डिबाई क्षेत्र की डिप्टी एसपी वंदना शर्मा को नियुक्त किया। वंदना शर्मा ने केस की तफ्तीश शुरू कराई और बेटी का सुराग तलाशते हरेन्द्र के घर पहुंच गयी। डिप्टी एसपी और उनकी टीम ने हरेन्द्र के घर की तलाशी की गयी तो बाथरूम के पास कमजोर मिट्टी मिली। मिट्टी ताजी थी इसे छुपाने के लिए उसके ऊपर पुआल रखकर जलाया गया था जिससे वह जगह काली पड़ जाये। पुलिस ने इसी शक के आधार पर जब जगह खुदवाई तो गुड़िया का शव बरामद हो गया।
पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और घर में सबूतों की तलाश शुरू कर दी। सीओ वंदना शर्मा और उनकी टीम को इसी दौरान हरेन्द्र के बिस्तर पर गुड़िया के सिर के बाल, उसका लाकेट और कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले। सर्विलांस से मिली लोकेशन के आधार पर दिल्ली में छुपे हरेन्द्र को निकालने के पुलिस ने प्रयास शुरू किये और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया। हरेन्द्र के गले पर बेटी के नाखून के निशान थे।
सब सबूत इकट्ठा होने के बाद डिप्टी एसपी वंदना शर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने सारे सबूतों और फोरेंसिक जांचों की रिपोर्ट तैयार की और केस दर्ज होने के 10 दिन के अंदर कोर्ट में चार्जशीट फाइल कर दी। डिप्टी एसपी वंदना शर्मा ने इस केस के सुपरविजन में कोई कोताही नही की.।खुद सामने रहकर केस डायरी में एक-एक सबूत और घटनाक्रम को अंकित कराया और डीएनए रिपोर्ट हासिल करने के लिए खुद चिठ्ठियां लिखकर पैरवी की। कोर्ट में हर तारीख और गवाही के लिए वंदना शर्मा खुद मौजूद रही। ताकि बच्ची को जल्द से जल्द न्याय दिलाया जा सके।
और आखिर आरोपी को मिली फांसी की सजा
हिम्मत तब जबाव देने लगी जब कोरोना महामारी के चलते अदालतें बंद हो गयी थी। करीब दो महीनों के बाद जब कोर्ट खुले तो डिप्टी एसपी वंदना शर्मा और उनकी टीम ने कोर्ट की सुनवाई में पैरवी की और 14 जुलाई को हरेन्द्र के खिलाफ दोषसिद्ध कराने में कामयाबी हासिल की। अदालत ने अब हरेन्द्र को फांसी की सजा सुनाते हुए उस पर एक लाख बीस हजार रूपये का जुर्माना भी किया है। एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने केस की शानदार पैरवी और जांच के लिए वंदना शर्मा को बधाई दी। गुड़िया के माता-पिता भी आज वंदना शर्मा के पास उनका शुक्रिया अदा करने पहुंचे। डिप्टी एसपी को बधाई देते समय बच्ची के माता पिता की आंखे नम थीं, मानों उनके मुंह से शुक्रिया अदा करने के लिए शब्द नहीं निकल रहे हों, लेकिन उनके चेहरे की खुशी ने सब कुछ कह दिया।
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