यूपी की राजधानी लखनऊ में उस वक्त हड़कंप मच गया जब राम मनोहर लोहिया संस्थान परिसर में प्रवीण सिंह (34) की उसके सजायाफ्ता पिता की निगरानी में लगे सिपाही आशीष मिश्रा ने गोली मारकर हत्या कर दी। गोली चलने से लोहिया अस्पताल परिसर के अंदर हड़कंप मच गया। फिलहाल आरोपी सिपाही को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। सिपाही का कहना है कि उसे डर था कि प्रवीण उसकी हत्या कर देगा, जिस वजह से उसने ये कदम उठाया।
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, लोहिया अस्पताल में भर्ती हत्या की सजा काट रहे सीतापुर के कैदी विनोद को किडनी की बीमारी है वह सीतापुर का रहने वाला है। विनोद सिंह उर्फ ध्रुव सिंह 1997 में हुई एक हत्या के मामले में सजायाफ्ता कैदी है। कैदी विनोद की तीमारदारी में उसका बेटा प्रवीण सिंह अस्पताल में रुका था। उस पर निगरानी के लिए 2016 बैच के सिपाही आशीष मिश्रा को तैनात किया गया था।
बुधवार शाम करीब 5.30 बजे लोहिया के आवासीय परिसर के गेट पर बने जनरेटर रूम के पास किसी बात पर प्रवीण और आशीष में कहासुनी हो गई। इस पर आशीष ने तमंचे से प्रवीण के सिर में गोली मार दी। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। आशीष हत्या के बाद वहां से भाग कर सीधे विभूतिखंड कोतवाली पहुंचा और समर्पण कर दिया।
कमिश्नर ने बताया ये
लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि आशीष मूलरूप से बदायूं का रहने वाला है। ट्रेनिंग के बाद 2017 से वह सीतापुर पुलिस लाइन में है। 25 मई को उसे विनोद सिंह की अभिरक्षा में तैनात किया गया था। पूछताछ में सामने आया कि आशीष को प्रवीण काफी परेशान कर रहा था। आशीष ने पुलिस को बताया कि उसे डर लग रहा था कि प्रवीण उसकी हत्या कर देगा। जिस तमंचा से हत्या हुई है, उसे भी आशीष ने प्रवीण का बताया।
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