उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में मानवता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि यहां सिसाना गांव के यमुना खादर में पुलिस की आंखों के सामने लावारिस शव का अंतिम संस्कार टायर जलाकर कर दिया गया। इस मामले में पुलिस अधीक्षण के हेड कांस्टेबल को सस्पेंड कर दिया है।
हेड कांस्टेबल को अंतिम संस्कार के लिए मिले थे पैसे
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अज्ञात व्यक्ति के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए कोतवाली प्रभारी ने साढ़े चार हजार रुपए हेड कांस्टेबल को दिए थे। लेकिन इसके बावजूद हेड कांस्टेबल ने गाड़ी के टायरों से शव का अंतिम संस्कार कर दिया। सूत्रों का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी शैलेश कुमार पांडेय ने हेड कांस्टेबल जयवीर सिंह को सस्पेंड कर दिया है।
पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि कोतवाली प्रभारी आरके सिंह ने हेड कांस्टेबल को शव के अंतिम संस्कार के लिए साढ़े चार हजार रुपये भी दिए थे, लेकिन इसके बावजूद शव का अंतिम संस्कार टायरों से कर दिया। यह गलत है। इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
एसपी ने कहा कि शव का अंतिम संस्कार सम्मान के साथ करना चाहिए, अगर कोई भी पुलिसकर्मी इस तरह का कृत्य करता पाया जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
लकड़ी जलाने के लिए इस्तेमाल किया टायर
सूत्रों ने बताया कि सिसाना गांव के जंगल में चार दिन पहले नलकूप के हौज में अज्ञात व्यक्ति का शव मिला था। शिनाख्त न होने पर पुलिस ने 72 घंटे बाद शव का अंतिम संस्कार किया। कोतवाली में तैनात हेड कांस्टेबल जयवीर सिंह को शव का अंतिम संस्कार करने के लिए भेजा गया। हेड कांस्टेबल ने लकड़ी के स्थान पर गाड़ी के टायरों से शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
वहीं, हेड कांस्टेबल जयवीर सिंह का कहना है कि लकड़ियां गीली होने के कारण आग नहीं पकड़ रही थी। हेड कांस्टेबल ने बताया कि लकड़ी जलाने के लिए गाड़ी के टायर का इस्तेमाल किया, लेकिन जब लकड़ी में आग लग गई तो टायर हटा दिया था। जयवीर सिंह ने एसपी से लिखित में भी गलती स्वीकारी है।