लखनऊ: मुख्यालय में कब्जे को लेकर भिड़े होमगार्ड और NDRF के अधिकारी, कमांडेंट ने जवानों पर तानी पिस्टल

राजधानी लखनऊ में होमगार्ड मुख्यालय स्थित एनडीआरफ की बटालियन परिसर को खाली कराने को लेकर बीते शुक्रवार को होमगार्ड और एनडीआरएफ के अधिकारियों के बीच जमकर भिड़ंत हुई। इस दौरान तोड़फोड़, धक्कामुक्की और गाली-गलौच का भी दौर चला। यही नहीं, होमगार्ड के केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान के कमांडेंट संजीव शुक्ला ने एनडीआरएफ के जवानों पर पिस्टल तान दी। इस मामले की जानकारी जब आला अधिकारियों को हुई तो दोनों विभागों ने मामले को दबा दिया।


एनडीआरएफ की बटालियन लेकर पहुंचे थे कमांडेंट

हालांकि, बुधवार को घटना का वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद महकमे में हड़कंप मच गया। एनडीआरएफ के एक अधिकारी के मुताबिक, शुक्रवार को होमगार्ड के सीटीआइ कमांडेंट संजीव पांच-छह महिला अधिकारियों और कर्मचारियों समेत 40-50 लोगों संग परिसर में स्थित एनडीआरएफ की बटालियन पहुंचे। वहां खाली करने को लेकर विवाद और गाली-गलौज करने लगे। इस बीच कुछ महिला कर्मचारी अंदर दाखिल हुईं और तोडफ़ोड़ को अमादा हो गईं। विरोध पर दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की हुई।


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इस संबंध में वाराणसी स्थित एनडीआरएफ 11वीं वाहिनी के अधिकारियों ने प्रमुख सचिव गृह, एनडीआरएफ और होमगार्ड के अधिकारियों से पूरे मामले की लिखित में शिकायत की है। वहीं, होमगार्ड विभाग की ओर से सीओ आलमबाग संजीव सिन्हा को एक पत्र भेजा गया है। सीओ ने बताया कि कमांडेंट संजीव शुक्ला की ओर से प्रार्थनापत्र दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।


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डीजी होमगार्ड जीएल मीणा ने दी जानकारी

जानकारी के मुताबिक, होमगार्ड के अधिकारियों, महिलाओं और जवानों ने एनडीआरएफ के ऑफिस में रखी कुर्सियां और टेबल पलटा दी। दोनों के बीच जमकर धक्का-मुक्की शुरू हो गई। वीडियो में कमांडेंट संजीव शुक्ला एनडीआरएफ के जवानों को धक्का मारकर बाहर निकालने की धमकी देते हुए नजर आए। सूत्रों का कहना है कि राजधानी और पड़ोसी जनपदों में हो रही आपदाओं के मद्देनजर वर्ष 2015 में शासन के आदेश पर बनारस 11वीं वाहिनी एनडीआरएफ से एक बटालियन लखनऊ भेजी गई थी।


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वहीं, मामले में डीजी होमगार्ड जीएल मीणा ने बताया कि शासन के आदेश पर एनडीआरएफ की यूनिट को मुख्यालय में जगह देकर रखा गया था। मामले की जांच की जा रही है। वहीं सीटीआई कमांडेट संजीव शुक्‍ला के मुताबिक एनडीआरएफ द्वारा ताला तोड़कर कुछ सामान रखा गया था। इसी बात पर उन्हें कमरा खाली करने को कहा गया था। मामूली नोकझोंक हुई थी। पिस्टल तानने वाली बात निराधार है।


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