जब यूपी में टीकाकरण का शुभारंभ हुआ था तो सीएम योगी ने सबसे पहले फ्रंट लाइन कर्मचारियों को टीका लगवाने के आदेश दिए थे। ताकि उन्हें संक्रमण से बचाया जा सके। यूपी पुलिस के जवान भी फ्रंट लाइन कर्मचारी के तौर पर फील्ड पर तैनात हैं। कोरोना की इस दूसरी वेब में टीका लग जाने की वजह से संक्रमित पुलिस कर्मियों की संख्या काफी कम रही है। सिर्फ वाराणसी जिले की बात करें तो पिछली बार की तुलना में इस बार पांच गुना से भी कम पुलिस के जवान संक्रमित हुए।
ये हैं आंकड़े
जानकारी के मुताबिक, अगर आंकड़ों की मानें तो पहली वेब में सिर्फ वाराणसी में कुल 434 पुलिस के जवान संक्रमित हुए थे। सबसे पहले सिगरा के नगर निगम चौकी के 11 पुलिसकर्मी संक्रमित हुए तो हड़कंप मच गया। इसके बाद जिले भर में हर थाना व पुलिस लाइन से जवान संक्रमित होते रहे, ठीक होते गये। हालांकि इस दौरान तीन जवानों की मौत भी हुई जिससे दहशत भी फेल गई थी। बावजूद इसके जवानों ने हिम्मत रखी।
एसएसपी अमित पाठक की शुरू की थी पहल
अप्रैल से फिर जब कोरोना महामारी ने पलटी मारी तो इस समय यूपी पुलिस के जवान वीवीआईपी दौरों और पंचायत चुनाव में तैनात थे। अधिक प्रभावी मानी जा रही दूसरी लहर की शुरुआत में ही तत्कालीन एसएसपी अमित पाठक की पहल पर पुलिसकर्मियों का टीकाकरण शुरू कराया गया। इसका असर यह रहा कि अब तक महज 78 पुलिसकर्मी संक्रमित हुए। इसमें 45 स्वस्थ होकर ड्यूटी कर रहे हैं। हालांकि इस बार जवानों को सही होने में थोड़ा ज्यादा समय लग रहा है। जबकि इस बार दो जवानों की मौत हुई है।
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