उत्तर प्रदेश परिवहन की रोडवेज की पिंक बसों में महिला यात्रियों के सुरक्षित सफर के लिए लगाए गए ‘पैनिक बटन’ अब पुलिस के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं. पिंक बसों की समीक्षा में यह बात सामने आई है कि सफर करने वाले यात्री इस बटन को बार-बार दबा रहे हैं. यात्रियों की यह मनमानी पुलिस को भारी पड़ रही है. बटन दबाते ही बस की लोकेशन पर पुलिस पहुंच जा रही है और बस ड्राइवर को बार-बार बस भी रोकनी पड़ रही है.
वहीं, बिना किसी कारण के पैनिक बटन दबाने पर 200 रुपये का जुर्माना भी तय है, लेकिन यात्री जुर्माना नहीं भर रहे. जुर्माना वसूलने की बात पर यात्री और कंडक्टर से कहासुनी होने लगती है. कई कंडक्टरों ने इसकी शिकायत अपने डिपो में की है. महिला के साथ सफर करने वाले उनके परिजन पैनिक बटन से छेड़छाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं.
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परिवहन निगम के मुख्य प्रधान प्रबंधक (प्राविधिक) जयदीप वर्मा बताते है कि बस रवाना होने के पहले यात्रियों को सुरक्षा के बिंदु समझाए जाते हैं. बेवजह पैनिक बटन न दबाएं, इसके लिए बसों में पोस्टर चस्पा किए गए हैं. लेकिन यात्री अपनी हरकतों से बाज नहीं आते है और जैसे ही पैनिक बटन दबाया जाता है वैसे ही डायल 100 पर सूचना पहुंचती हैं. वहां के अधिकारी बस की लोकेशन देखकर निकटतम पुलिस स्टेशन में संपर्क करते हैं और फौरन पुलिस वहां पहुंचकर पिंक बस को अपने कब्जे में ले लेती है. मौके पर पुलिस यात्रियों से पूछताछ करती है.
गौरतलब है कि निर्भया फंड से 25 महिला पिंक बसें खरीद गई थी. इनमें से 16 बसें लखनऊ के हिस्से में आई थीं जो आलमबाग से दिल्ली, हरिद्वार, आगरा, झांसी, हल्द्वानी, प्रयागराज, वाराणसी व गोरखपुर रूटों पर चल रही हैं.
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