उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के वरुणा पुल स्थित अभिलाषा कॉलोनी निवासी दो सगे भाइयों शंकर यादव और बलराम यादव को अवैध हिरासत में रखने के बदले पुलिस उन्हें दो लाख रुपया मुवाअजा देगी। बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के इस निर्देश पर प्रदेश के गृह (मानवाधिकार) अनुभाग के अनु सचिव ने वाराणसी एसएसपी को पत्र भेजा है।
पुलिसकर्मियों की सैलरी से होगी दो लाख रुपए की भरपाई
वाराणसी एसएसपी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि दोनों भाइयों को दो लाख रुपए देकर भुगतान से संबंधित साक्ष्य 10 दिन के भीतर मानवाधिकार आयोग और प्रदेश सरकार को भेज दिया जाए। बताया जा रहा है कि दोनों भाइयों को दिए जाने वाले दो लाख रुपए की भरपाई दोषी पुलिसकर्मियों की सैलरी से काट कर की जाएगी।
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दरअसल, दो नवंबर, 2015 की शाम के वक्त व्हाट्स एप पर वायरल हुए एक मैसेज से सामने आया था कि सगे भाई शंकर और बलराम को कैंट थाने में इंस्पेक्टर रतन सिंह यादव 14 दिन से अवैध हिरासत में रखे हुए हैं। वहीं, दोनों भाइयों के परिजनों ने आरोप लगाया था कि फर्जी मुकदमें में फंसाने की धमकी देकर इंस्पेक्टर उनकी जमीन अपने नाम लिखाने का दबाव बना रहे हैं।
एसएसपी खुद छुड़वाने पहुंचे थे कैंट थाने
जानकारी के मुताबिक, मैसेज को संज्ञान में लेकर तत्कालीन एसएसपी आकाश कुलहरि खुद कैंट थाने पहुंचे और दोनों भाइयों का बयान कैमरे के सामने दर्ज कराकर उन्हें घर भेज दिया था। बताया जा रहा है कि इस मामले की शिकायत मानवाधिकार जननिगरानी समिति के महासचिव डॉक्टर लेनिन रघुवंशी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से की थी।