राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में हुए एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी की हत्या मामले में दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान के लिए कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है। बताया जा रहा है कि कोर्ट अपना आदेश 2 जनवरी को सुनाएगी। वहीं, मृतक विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी ने दूसरे सिपाही संदीप को केवल मारपीट का आरोपी बनाए दजाने को चुनौती दी है।
संदीप के खिलाफ भी हत्या के आरोप में संज्ञान के लिए दी लिखित दलील
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, शनिवार को कोर्ट में संज्ञान के मसले पर मृतक विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी की ओर से भी अपना पक्ष रखा गया। कल्पना के वकील प्रांशु अग्रवाल ने कांस्टेबल संदीप कुमार के खिलाफ भी समान आशय से हत्या करने के आरोप में संज्ञान लेने की लिखिदत दलील दी है।
उनका कहना है कि अगर संदीप का समान आशय नहीं था, तो वह मौके से भागा क्यों? उन्होंने कहा कि कांस्टेबल संदीप ने सना और विवेक को अस्पताल पहुंचाने या फिर बचाने की कोशिश क्यों नहीं की। उन्होंने यह भी कहा कि संदीप ने घटना की शिकायत भी दर्ज नहीं कराई।
संदीप को मारपीट का आरोपी बनाने पर ऐतराज
कल्पना तिवारी के वकील ने तर्क दिया कि समान आशय के मामलों में अक्सर कोई स्पष्ट साक्ष्य नहीं होता, इसका निष्कर्ष घटना की परिस्थितियां तथा घटना के बाद व पहले अभियुक्त के आचरण के आधार पर निकाला जा सकता है। संदीप का घटना के समय व घटना के बाद भी विवेक को बचाने का कोई प्रयास नहीं करना व घटना की शिकायत भी दर्ज नहीं कराने से उसके समान आशय का पता चलता है।
जानकारी के मुताबिक, बीते गुरुवार को महानगर थाने के प्रभारी निरीक्षक विकास कुमार पांडेय ने विवेक तिवारी हत्या मामले में कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया, जिसमें प्रंशात कुमार चौधरी को हत्या (आईपीसी की धारा 302) और संदीप कुमार को मारपीट (आईपीसी की धारा 323) का आरोपी बनाया गया है।
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