कानपुर कांड: इन 2 लोगों पर विकास दुबे को खोजने की जिम्मेदारी, ये है खास वजह…

कानपुर देहात के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर फरार हुए हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे (Vikas Dubey) की लखनऊ में जमानत लेने वाले 2 लोगों को नोटिस भेजा गया है। इन दोनों से कहा गया है कि वे विकास दुबे को खोजकर लाएं। वहीं, इस मामले में जमानत निरस्त कराने के लिये भी एसीपी कृष्णानगर ने मंगलवार को कोर्ट में अर्जी देने की बात कही है।


एसीपी कृष्णानगर दीपक कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2017 में कानपुर के दो मामलों में फरार चल रहे विकास दुबे (Vikas Dubey) को एसटीएफ ने कृष्णानगर में इन्द्रलोक कालोनी स्थित उसके घर से पकड़ा था। उस दौरान दुबे के पास अवैध असलहे भी मिले थे। इस मामले में आर्म्स एक्ट के तहत कृष्णानगर कोतवाली में भी एक मुकदमा लिखा गया था। इस मुकदमे में जब विकास को जमानत मिली थी, तब कानपुर के दो लोगों ने उसकी जमानत ली थी।


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इनमें एक बिकरू गांव का ही था जबकि दूसरा व्यक्ति कानपुर नगर का। एसीपी ने बताया कि विकास के फरार होने के बाद जमानतदारों की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह उसे लाने का प्रयास करें अन्यथा उसकी जमानत वापस लें। इसके लिये दोनों जमानतदारों को नोटिस भेजी गई है। साथ ही कोर्ट से उसकी जमानत निरस्त करने के लिये अर्जी दी जायेगी।


सूत्रों का कहना है कि विकास दुबे (Vikas Dubey) की सम्पत्ति कुर्क करने का फैसला भी लिया जा सकता है। विकास की कुछ और संपत्तियों के बारे में भी पता किया जा रहा है। सोमवार एक बार फिर उसके छोटे भाई दीपक की पत्नी अंजली से पूछताछ की गई। सोमवार को विकास और दीपक के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी।


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