लोकसभा चुनाव में हार के बाद बहुजन समाजवादी पार्टी प्रमुख मायावती सोमवार को बसपा यूपी के पदाधिकारियों, सांसदों व लोकसभा प्रत्याशियों के साथ दिल्ली में बैठक की. बैठक दिल्ली के रकाबगंज गुरुद्वारा रोड स्थित पार्टी कार्यालय में हुई है. बैठक में बसपा के उत्तरप्रदेश सभी जिला अध्यक्ष, जोनल कॉर्डीनेटर, सभी जीते हुए सांसदों समेत लोकसभा प्रत्याशी और पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल हुए.
बैठक के दौरान मायावती ने कहा, “हमें गठबंधन का कोई खास फायदा नहीं हुआ. अखिलेश यादव वोटों का बंटवारा रोक नहीं पाए. हम गठबंधन की समीक्षा कर रहे हैं. बीजेपी पर हमला बोलते हुए बसपा चीफ ने कहा, “लोकसभा चुनाव में इवीएम में बड़े स्तर पर धांधली की गयी. मायावती ने एक अहम फैसला लेते हुए सभी विधानसभा उपचुनाव लड़ने का ऐलान किया है. इससे पहले बसपा कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ती थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बसपा ने अपना आखिरी उपचुनाव 2010 में लड़ा था.
सूत्रों के अनुसार मायावती ने हार पर समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक में बसपा सांसदों और जिलाध्यक्षों से कहा है कि पार्टी सभी विधानसभा उपचुनाव अकेले लड़ेगी और अब 50 फीसदी वोट का लक्ष्य लेकर राजनीति करनी है. मायावती ने बैठक के दौरान कहा कि शिवपाल यादव ने यादवों का वोट काटा है.
मायावती की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में लोकसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा की गई. साथ ही सपा और आरएलडी के साथ हुए गठबंधन की भी समीक्षा की गई, हालांकि उस पर अभी किसी ने बोलने से इनकार कर दिया. गठबंधन के साथ-साथ ईवीएम को लेकर बैठक में चर्चा हुई और तय किया गया कि बसपा सुप्रीमो ईवीएम का मुद्दा लगातार उठाती रहेंगी. लोकसभा नतीजों के बाद बसपा की पहली इस बड़ी बैठक में आने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति पर भी चर्चा हुई और बीजेपी की तरह 50 प्रतिशत की रणनीति बनाने की बात हुई. बैठक के बाद ये संकेत भी दिए गए कि मायावती विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश स्तर पर संगठन में बड़ा बदलाव कर सकती हैं.
बता दें कि लोकसभा चुनाव में यूपी में समाजवादी पार्टी को महज पांच सीटें मिलीं. अखिलेश यादव और मुलायम सिंह को छोड़कर यादव परिवार के सभी सदस्यों को भी हार का सामना करना पड़ा. यह जरूर है कि 2014 के मुकाबले बीएसपी फायदे में रही लेकिन जितनी उम्मीद की जा रही थी वैसा कुछ भी नहीं हुआ. पार्टी को दस सीटें मिलीं. वहीं आरएलडी अपना खाता भी खोल सकी. खुद चौधरी अजित सिंह को नजदीकी मुकाबले में हार मिली. उन्हें बीजेपी के संजीव बालियान ने हराया.
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