जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार काफी कड़ा रुख अपना रही है. जिसके तहत भारत सरकार ने कश्मीर के 5 अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा और सरकारी सुविधाएं भी हटा दी है. भारत सरकार के इस फैसले पर कश्मीर से वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने अलगाववादियों का समर्थन किया हैं.
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सुरक्षा हटाने के सवाल पर कांग्रेस नेता का जवाब
कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज से सरकार द्वारा अलगाववादियों की सुरक्षा हटाने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा- ‘भारत सरकार को इस फैसले से कोई फायदा नहीं मिलने वाला. यह कश्मीर के प्रति संकीर्ण दृष्टिकोण है. मैंने हमेशा कहा है कि हुर्रियत ने कभी भी हिंसा को बढ़ावा नहीं दिया है. हुर्रियत का कहना है कि कश्मीर मुद्दा विवादित है और इसे बातचीत के जरिए ही सुलझाया जा सकता है. क्या ये कहना गुनाह है? नहीं ये गुनाह नहीं है’.
पुलवामा हमले के बाद सरकार ने हटाई थी अलगाववादियों की सुरक्षा
गौरतलब है कि बीते 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए एक आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इस हमले के बाद भारत सरकार ने कश्मीर में अलगाववादियों की सुरक्षा की समीक्षा करने की बात कही थी. रविवार को गृह मंत्रालय के आदेश के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने हुर्रियत और अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारुख, अब्दुल गनी बट्ट, बिलाल लोन, फजल हक कुरैशी, शब्बीर शाह को दी गई सरकारी सुरक्षा वापस ले ली है. साथ ही सरकार ने इन नेताओं को दी जा रहीं सभी सरकारी सुविधाएं भी वापस ले ली हैं. सरकार के इसी फैसले के बाद कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज, अलगाववादियों के समर्थन में उतर आए हैं.
पहले भी दिए है विवादित बयान
आपको बता दें कि इससे पहले भी कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज कश्मीर मुद्दे पर बयान देकर आलोचना का शिकार हो चुके हैं. दरअसल बीते साल जून में दिए अपने एक बयान में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने कहा था कि कश्मीर के लोगों की पहली प्राथमिकता आजादी पाना है. वर्तमान स्थिति में कश्मीर की आजादी, इससे जुड़े देशों के कारण संभव नहीं है. कश्मीर के लोग ना भारत के साथ रहना चाहते हैं और ना ही पाकिस्तान के साथ विलय करना चाहते हैं.
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