देश के पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. हामिद अंसारी ने कहा “1947 में हुए विभाजन के लिए भारत भी जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि उस समय हुए देश के बंटवारे के लिए सिर्फ पाकिस्तान ही जिम्मेदार नहीं है, बल्कि भारत भी इसमें जिम्मेदार था. हम ये मानने को तैयार नहीं है कि विभाजन के लिए हम भी बराबर के जिम्मेदार हैं”. हामिद अंसारी ने यह बयान दिल्ली में आयोजित सईद नकवी की किताब ‘बीइंग द अदर-द मुस्लिम इन इंडिया’ के विमोचन समारोह में दिया है.
सियासी वजहों से मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराया गया
हामिद अंसारी ने अपने संबोधन में कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने कहा था कि एकता के लिए बंटवारा जरूरी है. पटेल ने माना था कि भारत को एक रखने के लिए बंटवारा जरूरी था. उन्होंने कहा कि हम सबका फर्ज है कि एकता के लिए काम करें. देश के बंटवारे के लिए सियासी वजहों से मुसलमानों को जिम्मेदार ठहराया गया.
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जानबूझकर मुस्लिमों को बनाया जाता है मुल्जिम
अंसारी ने कहा कि जहां भी किसी ने गलत काम किया तो मुल्जिम एक ही…आप सब जानते हैं. भारत की जनसंख्या में 20 फीसदी धार्मिक अल्पसंख्यक हैं. इसमें 14 फीसदी मुसलमान हैं. हर पांचवां शख्स धार्मिक अल्पसंख्यक है. हर सातवां आदमी मुस्लिम अल्पसंख्यक है. तो क्या इतनी बड़ी आबादी को आप गैर बना सकते हैं. कोई तरीका है. और अगर बनाएंगे तो उसका नतीजा क्या होगा.
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सबने मिलकर रची मुस्लिमों के विरुद्ध साजिश
पूर्व उप राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश में 22 जुबान हैं, लेकिन इनमें से एक जुबान गायब हो गई है, उसका नाम है हिंदुस्तानी. उन्होंने कहा कि आजादी के चार दिन पहले सरदार पटेल ने दिल्ली में कहा था कि अगर देश को एक रखना है तो विभाजन जरूरी है. अंसारी ने कहा कि लेकिन सियासत ने जो रुख पलटा तो किसी को जिम्मेदार बनाना था. तो उन्होंने कहा कि जिम्मेदार बना दो, किसे, मुसलमानों को बना दो. यह सबने मान लिया कि मुसलमानों को जिम्मेदार बनाना चाहिए.
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पहले भी दिए हैं कई विवादित बयान
बता दें, हामिद अंसारी इससे पहले भी कई विवादित बयान दे चुके हैं. अंसारी शरिया अदालतों के पक्ष में उतर चुके हैं. समर्थन में उन्होंने कहा था कि देश के प्रत्येक समुदाय को अपना पर्सनल लॉ मानने का हक है. वहीं हामिद अंसारी जब अपने पद से रिटायर हुए थे तब उन्होंने देश के मुस्लिम समुदाय में असुरक्षा और घबराहट का माहौल होने का दावा किया था.
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