यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा भगवान हनुमान को कथित रूप से दलित बताये जानें वाले बयान को लेकर मचे हंगामे के बीच सीएम योगी ने इस पर चुप्पी तोड़ी है. अपने बयान पर पहली बार बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि जिन्हें धर्म के मर्म की जानकारी नहीं है, वे लोग हर बात संकीर्णता के दायरे में देख रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि लोग संकीर्णता के दायरे में लाकर बाल की खाल निकाल रहे हैं. प्रयागराज जिले में आयोजित श्रीकुंभाभिषेकम् महोत्सव में रविवार को यूपी के सीएम ने कहा कि सनातन परंपरा को न जानने वाले लोग ही सवाल खड़े करते हैं.
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दरअसल, सीएम योगी ने अलवर जिले के मालाखेड़ा में एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान भगवान हनुमान को लेकर बयान दिया था। सीएम योगी का पूरा भाषण सुनने पर पता चलता है कि उन्होंने कहा था कि बजरंगबली हमारी भारतीय परम्परा में ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वयं वनवासी हैं, गिरवासी हैं..इसके बाद योगी रुके और आगे कहा…बजरंगबली ऐसे देवता हैं जो सबको लेकर चलते हैं, दलित, वंचित सबको जोड़ने का कार्य करते हैं, पूरब से पश्चिम को जोड़ने का कार्य करते हैं. हालांकि, वीडियो को गौर से सुनने पर स्पष्ट हो रहा है कि सीएम योगी ने भगवान हनुमान को दलित नहीं कहा था.
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श्रीकुंभाभिषेकम् महोत्सव में सीएम योगी ने कहा कि किसी के काम पर उंगली उठाना आसान होता है. दूसरों पर उंगली उठाने के बजाय अगर हर कोई जिम्मेदारी निभाए तो धरती दिव्य लोक में बदल जाएगी. हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह निभाए तो आयोजन में कमी नहीं दिखेगी. लोग अपनी कमियां दूर करें और दूसरे की गलतियों से सीखें तो देश दिव्य हो सकता है. उन्होंने लोगों की कार्यशैली पर भी प्रहार किया। उन्होंने कहा कि हमें एक दूसरे की कमियां निकालने के बजाए बेहतर कार्य मे सहयोग देना चाहिए.
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