लोकसभा चुनाव 2019 से पहले उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दल अपन-अपने समीकरण साधने में जुटे हैं। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन के बाद अब यूपी मे एक और गठबंधन सामने आ सकता है। शिवपाल सिंह यादव ने मोहम्मद अदीब को कांग्रेस और अन्य सेक्युलर दलों से बातचीत की जिम्मेदारी सौंपी है। मोहम्मद अदीब राज्यसभा के पूर्व सदस्य हैं और उन्होंने कई मुस्लिम नेताओं के साथ प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया की सदस्यता ली।
अखिलेश-मायावती पर साधा निशाना
इस दौरान पूर्व सांसद राज्यसभा सांसद समेत एक दर्जन से अधिक मुस्लिम बुद्धिजीवी, समाजसेवी, धार्मिक व राजनीतिक नेताओं ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का दामन थाम लिया। प्रसपा में शामिल लोगों का जोरदार स्वागत शिवपाल यादव ने करते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि अखिलेश यादव और मायावती दोनों धोखेबाज हैं। एक ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव को तो दूसरे अपने भाई को धोखा दिया है।
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शिवपाल ने कहा कि यह सपा-बसपा का गठबंधन नहीं, बल्कि ठगबंधन और धनबंधन है। इस दौरान उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने अपने पिता और चाचा के साथ आवाम से धोखा किया है, इसीलिए उत्तर प्रदेश की जनता अब उनके साथ है। शिवपाल ने कहा कि 2019 में उनकी पार्टी जिताऊ उम्मीदवार को ही टिकट देगी। इस दौरान मोहम्मद अदीब ने कहा कि देश हित के लिए नहीं, बल्कि पार्टी हित के लिए दो दल एक साथ आये हैं। हम सभी सेक्युलर दलों के पास जाएंगे। क्योंकि हमें मुंगेरीलाल नहीं, जवाहरलाल चाहिए। इसीलिए मैं शिवपाल के साथ हूं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सेक्युलर दल है और किसी भी शक्ल के साथ जा सकते हैं।
बीजेपी को हराने के लिए करेंगे कैंपेन
अदीब ने कहा कि अखिलेश यादव ने इस पार्टियों से बात करने के बजाय मायावती के साथ हाथ मिलाया। सारी सीटों पर इन दोनों नेताओं की नजर थी और इसीलिए बाकियों को इन्होंने साथ नहीं लिया। वहीं, शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि वे बीजेपी को उत्तर प्रदेश और केंद्र से हटाना चाहते हैं। शिवपाल ने कहा कि उनकी पार्टी 2019 और 2022 में बीजेपी के खिलाफ कैंपेन करेगी। जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी सपा के खिलाफ चुनाव लड़ेगी तो शिवपाल यादव ने कहा कि वे बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे।
अदीब ने सपा-बसपा के गठबंधन को लेकर अखिलेश यादव और मायावती दोनों नेताओं की तीखी आलोचना की। अदीब ने कहा कि मायावती भरोसा करने लायक नहीं हैं, जबकि उन्होंने अखिलेश यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने अपने पिता के साथ छल किया, अपने चाचा शिवपाल यादव और समाजवादी पार्टी से छल किया। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को गठबंधन के लिए ओमप्रकाश राजभर की पार्टी, अनुप्रिया पटेल की पार्टी और कांग्रेस के बात करना चाहिए था। ये सभी दल गठबंधन को तैयार थे।
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