14 फरवरी को पूरी दुनिया वैलेंटाइन डे मनाती है. वैलेंटाइन डे यानि मोहब्बत का दिन, वेलेंटाइन वीक में आपने मोहब्बत के कई किस्से सुने और पढ़े होंगे, लेकिन इस प्यार के पर्व “वेलेंटाइन वीक” में आज हम आपको रूबरू कराते हैं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव की प्रेम कहानी से. इस कहानी में कुछ ऐसे मोड़ भी हैं जिनके बारे में शायद ही आपने पहले कभी सुना हो.
भारत के सशक्त परिवारों में से एक ‘यादव परिवार’ को उत्तर भारत में सबसे ताकतवर राजनीति परिवार माना जाता है. इस परिवार ने पिछले कई सालों से उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपना दबदबा कायम रखा है. दरअसल अखिलेश यादव ने बहुत ही कम वक्तों में राष्ट्रीय राजनीति में नाम कमाया है. वहीं दूसरी तरफ उनकी पत्नी डिंपल यादव ने भी उनका बहुत साथ दिया. आज डिंपल यादव अपना 45वां जन्मदिम मना रहीं हैं, लेकिन बहुत लोगों को मालूम होगा की इनकी लव स्टोरी किसी फिल्म कहानी की तरह ही थी.
यादव लड़का और राजपूत लड़की, वो भी जिसके परिवार का राजनीति से कोई लेना देना नहीं. भला यूपी के नामी गिरामी नेता मुलायम सिंह यादव कैसे इसके लिए मान जाते. राजनीति की ठसक, यूपी के सीएम का रुतबा और आर्मी बैकग्राउंड की लड़की, अखिलेश के साथ डिंपल की जोड़ी जम जाएगी, ऐसा लग तो नहीं रहा था.
पहली नजर का प्यार
पहली बार जब अखिलेश यादव और डिंपल की मुलाकात हुई, तब अखिलेश 21 साल के थे. डिंपल की उम्र उस वक्त सिर्फ 17 साल थी. अखिलेश को डिंपल पहली नजर में भा गईं. दोस्तों की मदद से डिंपल से उनकी मुलाकात भी हो गई लेकिन, यह खबर नहीं लगने दी कि वह मुलायम सिंह के बेटे हैं. लेकिन यह बात छिप भी नहीं सकती थी. आख़िरकार डिंपल को यह बात पता चल ही गई. मौके की नजाकत को देखते हुए दोनों ने उस वक्त अपना प्यार परिवार वालों के सामने जाहिर नहीं किया.
अखिलेश और डिंपल एक जैसे तो नहीं थे लेकिन एकसाथ रहने का फैसला जरूर कर चुके थे. अखिलेश यूपी के बड़े नेता के बेटे थे. दूसरी तरफ डिंपल के पिता रिटायर आर्मी कर्नल एससी रावत थे. एक परिवार के खून में राजनीति थी तो दूसरे परिवार का दूर-दूर तक राजनीति से कोई संबंध नहीं था. लेकिन कहते हैं ना जोड़ियां ऊपरवाला बनाता है. तो अखिलेश यादव और डिंपल की जोड़ी भी आसमान से ही बनकर आई थी.
प्यार के इकरार के बाद दोनों की जिंदगी में जुदाई के भी पल आए. अखिलेश यादव को आगे की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया जाना पड़ा. वहां यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी से वह एनवॉयरमेंटल इंजीनियरिंग में मास्टर कर रहे थे. इधर डिंपल लखनऊ से ग्रेजुएशन करने लगीं. अखिलेश को फुटबॉल का शौक था जबकि, डिंपल को पेंटिंग करने और घुड़सवारी का शगल था.
प्यार बड़ा या परिवार
अखिलेश जब ऑस्ट्रेलिया से वापस लौटे तो पिता का पहला सवाल था, ‘शादी कब करोगे’. कहा जाता है कि मुलायम चाहते थे कि लालू प्रसाद की बेटी से उनकी शादी हो जाए लेकिन अखिलेश का दिल भला कहां मानने वाला था. अखिलेश डिंपल के बारे में खुद पिता से बात नहीं कर पा रहे थे. फिर उन्होंने अपनी दादी को पटाया. उनकी दादी उस वक्त बीमार थीं. पोते का हाल-ए-दिल जानकर दादी अखिलेश और डिंपल की शादी के लिए अड़ गईं. दोनों की शादी में सिर्फ पारिवारिक मुश्किल ही नहीं बल्कि राजनीतिक मुश्किल भी थी. एक तरफ यूपी में जात की राजनीति हो रही थी, ऐसे में अपने ही बेटे की शादी दूसरी जाति में कराना मुलायम सिंह को भारी पड़ सकता था. दूसरी तरफ उत्तराखंड राज्य की अलग मांग हो रही थी. तीसरी मुश्किल थी की लालू प्रसाद को ना कैसे कहा जाए. लेकिन हुआ वहीं जो अखिलेश चाहते थे. कहा जाता है कि अखिलेश और डिंपल की शादी के लिए मुलायम सिंह यादव को मनाने में अमर सिंह ने काफी मेहनत की थी.
घुड़सवारी डिंपल को थी पंसद
अखिलेश आज राजनीति में हैं, लेकिन एक दौर में वो क्रिकेट औऱ फुटबॉल खेलना पंसद करते थे और ऐसी ही कुछ डिंपल के साथ भी था. दरअसल डिंपल यादव एक आधुनिक सोच की लड़की हैं, उन्हें घुड़सवारी करना बहुत ही पसंद है. इसके अलावा वह एक प्रतिभाशाली चित्रकार भी हैं, उधर अखिलेश यादव एक पहलवान परिवार से नाता रखने वाले युवा नेता हैं जिसे फुटबॉल खेलना बहुत ही पसंद है. लेकिन कहते हैं प्यार कोई वजह नहीं मांगता बल्कि प्यार हो जाता है, वह अपना रास्ता खुद ही बना लेता है. कुछ ऐसा ही हुआ डिंपल और अखिलेश यादव के साथ हुआ.
सेना में कर्नल थे डिंपल के पिता
एक आर्मी परिवार से नाता रखने वाली डिंपल यादव ने बहुत ही कम समय में देश के अलग-अलग हिस्सों का अनुभव लिया है. दरअसल उनके पिता सेना में कर्नल थे इसलिए उन्हें देश में विभिन्न जगहों पर भ्रमण करने का मौका मिला. वैसे डिंपल का सपना दूसरी लड़कियों की तरह ग्रेजुवेशन के बाद किसी कंपनी को ज्वॉइन करना था, उनके दिमाग में राजनीति दूर-दूर तक नहीं थी लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था. उधर अखिलेश एक राजनीति परिवार से थे और मुलायम सिंह यादव के पुत्र होने के नाते राजनीति उनके नसों में थी.
मुलायम को नहीं पंसद थी डिंपल
मुलायम सिंह यादव डिंपल और अखिलेश के रिश्ते के खिलाफ थे. दरअसल डिंपल राजपूत थी और अखिलेश यादव थे ऐसे में मुलायन सिंह यादव नहीं चाहते थे कि ये रिश्ता हो. लेकिन उस दौरान मुलायन सिंह के करीबी दोस्त अमर सिंह ने अखिलेश का साथ दिया और दोनों की शादी करवाई.
शादी को 17 साल हो गए हैं
बेहद बड़े स्तर पर अखिलेश और डिंपल की शादी 24 नंवबर 1999 को लखनऊ में हुई थी, इस शादी में बॉलीवुड और राजनेताओं की लंबी लिस्ट थी. इस शादी में उस दौरान अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना जैसे सितारों ने शिरकत की थी. इस कपल की शादी को 17 साल हो चुके हैं और इनके तीन बच्चे भी हैं.
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