छत्तीसगढ़ और राजस्थान समेत पांच राज्यों में बीजेपी को मिली निराशा के बीच विश्व हिन्दू परिषद ने इसे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से जोड़कर बड़ा हमला बोला है. वीएचपी के केन्द्रीय सलाहकार पुरुषोत्तम नारायण सिंह ने कहा कि बीजेपी के पास अब भी भूल सुधार का कुछ वक्त बाकी है. ‘सबका साथ, सबका विकास’ की धुन में भगवान राम की जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण में हो रही देरी से राम भक्तों ने उस दल से किनारा किया है, जिसके घोषणा पत्र में यह विषय प्रमुखता से रहा था. उन्होंने कहा ‘‘अभी समय है, इस (मंदिर जैसे) सर्वस्पर्शी विषय का, जो हिंदुओं के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन मूल्यों से जुड़ा हुआ है, उसका समाधान निकाला जाना चाहिए.’’
पुरुषोत्तम नारायण सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान वे राज्य हैं, जिनका भगवान राम की जन्मभूमि से प्रारंभ से ही गहरा संबंध रहा है. इन राज्यों ने राम जन्मभूमि आंदोलन को व्यापक गति प्रदान की है. मंदिर से जुड़े सभी आंदोलनों में यहां के राम भक्तों ने हर तरह से सहभागिता की. आंदोलन के दौरान ही राम भक्तों ने इन राज्यों में पूर्ण बहुमत की सरकार बनवायी थी.
उन्होंने कहा कि आज का चुनाव परिणाम दरअसल, कांग्रेस की जीत नहीं बल्कि श्रीराम भक्तों का कुछ क्षणों के लिये मोहभंग है. अब भी समय और संकेत है कि भाजपा राम मंदिर निर्माण के लिये जनभावनाओं का आदर करे और आगे का परिणाम अपने अनुकूल बनाए.
बता दें, कि विश्व हिन्दू परिषद केन्द्र की भाजपा सरकार पर कानून बनाकर मंदिर निर्माण के लिये लगातार दबाव डाल रही है. इसके लिये वह जगह-जगह धर्म सभाएं आयोजित कर रही है.वहीं मोदी सरकार इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के इन्तेजार करने की बात अभी तक कहती आई है. बीजेपी के नेता 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की बात कहते आये थे लेकिन सत्ता पाने के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के इन्तेजार की बात कहकर सरकार ने इसे ठन्डे बस्ते में डाल दिया.