उत्तर प्रदेश का किसान अब फसलों के साथ ही बिजली भी पैदा करेंगे। अतिरिक्त ऊर्जा या नवीकरणीय स्रोतों का उपयोग कर किसान निष्प्रयोज्य या बंजर भूमि पर सोलर ऊर्जा प्लांट लगाएंगे। उत्पादित बिजली का अपने उपभोग के बाद शेष को उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन को नेट मीटरिंग के जरिए बेच देंगे। इससे उनकी आय दोगुना करने का लक्ष्य भी हासिल होगा। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कही हैं।
उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा शुक्रवार को पूर्वांचल विकास बोर्ड द्वारा आयोजित नियोजन विभाग और गोरखपुर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में पूर्वांचल के सतत विकास, मुद्दे, रणनीति और भावी दिशा विषयक राष्ट्रीय वेबिनार के विनिर्माण क्षेत्र के पंचम तकनीकी सत्र की वर्चुअल अध्यक्षता कर रहे थे।
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इस दौरान उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में पीएम-कुसुम योजना के तहत किसानों द्वारा उत्पादित बिजली खरीदने के लिए बनने वाले उपकेंद्रों में से 4 पूर्वांचल में लगाए जाएंगे। इसके अलावा प्रदेश को मिले 8000 सोलर सिंचाई पंप में से 2882 पूर्वांचल को दिए गए हैं।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सतत विकास के लिए निर्बाध बिजली बड़ी आवश्यकता है। इसी सिलसिले में नवीकरणीय स्रोतों से अभी ऊर्जा क्षेत्र में 6 फीसदी का योगदान है जिसे मुख्यमंत्री ने 2021 तक 20 फीसदी करने का लक्ष्य दिया है।
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