प्रयागराज कुंभ में जनसैलाब के बीच बाबाओं की विविधता आकर्षण का प्रमुख केंद्र बनी हुई है. बाबाओं के अलग-अलग रूप यहां लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. बाबाओं का हठ योग और उनका संकल्प देख लोग हैरान हो रहे हैं. किसी बाबा ने राम मंदिर के लिए संकल्प लिया है तो कोई बाबा हजारों रुद्राक्ष की माला को धारण करके सबका ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं. आइए कुंभ में आए कैसे-कैसे बाबा…
कांटों वाले बाबा

मेले में भांति-भांति के साधु-संत नजर आ रहे हैं, इन्हीं में से एक हैं कांटों वाले बाबा. ये बाबा कांटों के बिस्तर पर लेटे रहते हैं, जिसे देखकर हर कोई सहम जाता है. कांटों वाले बाबा, कांटों के बिस्तर पर क्यों सोए रहते हैं, इसके पीछे की वजह काफी हैरान करने वाली है. उनका कहना है कि वह 18 साल की उम्र में किए गए पाप का प्रायश्चित कर रहे हैं. बाबा का कहना है कि जब वह 18 साल के थे तब उन्होंने गलती से गौ हत्या कर दी थी, जिसके बाद से वह प्रायश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं.
खड़ेश्वरी बाबा का संकल्प

बाबा खड़ेश्वरी का संकल्प राम मंदिर को लेकर है. इनका संकल्प है कि जब तक अयोध्या में राम मंदिर नहीं बन जाएगा, तब तक यह एक पैर पर ही खड़े रहेंगे. खड़ेश्वरी बाबा पिछले 4 साल से एक भी पल के लिए न ही बैठे हैं और न ही लेटे हैं. पूरे वक्त यह एक पैर पर खड़े रहते हैं. बाबा खड़ेश्वरी गाजियाबाद से यहां आए हैं. उनका प्रण केवल राम मंदिर को लेकर ही नहीं है बल्कि वह गाजियाबाद में शिव मंदिर को लेकर भी संकल्पित हैं. इनके अलावा संगम तट पर पहुंचे एक और बाबा हैं जो राम मंदिर को लेकर संकल्पित हैं और पिछले एक साल से खड़े हैं.
रूद्राक्ष वाले बाबा

कुंभ में रुद्राक्ष बाबा भी लोगों की जुबान पर चढ़े हुए हैं. रुद्राक्ष बाबा 11 हजार रुद्राक्ष की माला धारण किए हुए हैं. आश्चर्य की बात यह है कि शिवयोगी मौनी महाराज ने एक भी रुद्राक्ष खुद नहीं खरीदा है बल्कि इन्हें सभी रुद्राक्ष भेंट स्वरूप मिले हैं. हाल ही में नेपाल नरेश ने उन्हें 16 मुखी रुद्राक्ष भेंट में दिया है. वे सिर से कमर तक रुद्राक्ष की करीब 500 मालाएं पहनते हैं. उनका संकल्प 51 हजार रुद्राक्ष धारण करने का है. मौनी बाबा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के चुनाव क्षेत्र अमेठी के परमहंस आश्रम के महंत हैं.
गोल्डन बाबा

सोने के गहनों से लदे गोल्डन बाबा भी कुंभ में पहुंचे हैं लेकिन इस बार इनकी चर्चा सोने के गहनों से ज्यादा इनके हिरास में लिए जाने को लेकर है. इन पर उत्तर प्रदेश के एक सिपाही को धमकाने का आरोप लगा था. हर साल कंवड़ यात्रा को लेकर यह चर्चा में रहते हैं क्योंकि साल दर साल इनके गहने बढ़ते जा रहे हैं.
हाथ ऊपर उठे संकल्प वाले बाबा

कुंभ के बाबाओं में से एक यह भी बाबा हैं और इनका संकल्प हाथ को ऊपर उठाए रखने का है. यह जूना अखाड़े के राधे बाबा हैं. इन्होंने पिछले 9 साल से अपना हाथ ऊपर उठाकर रखा है. राधे बाबा नेविश्व शांति और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए यह संकल्प लिया है कि जब तक राम मंदिर नहीं बनेगा वह तब तक ऐसे ही अपना हाथ ऊपर उठाकर रखेगें.
पेट्रोल वाले बाबा

कुंभ में गुजरात से आए नागा बाबा संन्यासी सावन गिरी अपनी एसयूवी कार पर बैठकर भक्तों से दक्षिणा में पेट्रोल मांग रहे हैं.
अनोखे स्वरुप वाले बाबा

इनका स्वरूप देखकर तो सब लोग आश्चर्य में हैं कि इन्हें बाबा कहा जाए या फिर कुछ और सिर पर टोपी और चांद धारण किए बाबा लोगों को अपनी ओर काफी आकर्षित कर रहे हैं. लोग उनके साथ सेल्फी ले रहे हैं.
जटाधारी बाबा

बाबाओं के विभिन्न स्वरूपों में एक बाबा का यह रूप भी देखने को मिला. यह काफी टेक फ्रेंडली प्रतीत हो रहे हैं. मोबाइल और लैपटॉप के साथ यह बाबा प्रयागराज की पावन धरती पर कुंभ का आनंद लेने पहुंचे हैं.
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