उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) को शुक्रवार की देर रात लंबी पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया। मनी लॉन्ड्रिंग केस में अब्बास को समन भेजकर पूछताछ के लिए प्रयागराज के सिविल लाइंस स्थित प्रवर्तन निदेशालय कार्यालय में बुलाया गया था। यहां करीब 9 घंटे तक पूछताछ के बाद उसका मेडिकल कराया गया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
बेनामी संपत्तियों की जुटाई गई जानकारी
करीब 9 घंटे तक चली पूछताछ के दौरान उससे माफिया मुख्तार की बेनामी संपत्तियों के बारे में जानकारी जुटाई गई। सूत्रों की मानें तो उससे पूछा गया कि माफिया मुख्तार अंसारी ने इतनी बेनामी संपत्तियां कहां से अर्जित कीं? जमीन, मकान कहां-कहां हैं? माफिया के कितने करीबी हैं? इन करीबियों के पास कितने की संपत्ति है?। ऐसे ही तमाम सवाल उससे पूछे गए, लेकिन वह सभी सवालों का गोलमोल तरीके से ही जवाब देता रहा। देर रात करीब 12 बजे ईडी ने उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
Update: मुख्तार अंसारी के बेटे विधायक अब्बास अंसारी गिरफ़्तार. प्रयागराज के ED आफिस में हो रही थी पूछताछ. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ED कर रही थी अब्बास से पूछताछ. pic.twitter.com/kCRY3vuBqu
— Prashant Srivastava (@Prashantps100) November 4, 2022
वहीं, बताया जा रहा है कि अब्बास अंसारी के चालक रवि कुमार शर्मा को भी हिरासत में लिया गया है। माफिया मुख्तार अंसारी पर पिछले साल जुलाई में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया था। इस मामले में 20 मई को ही उसके बड़े बेटे अब्बास अंसारी व छोटे बेटे उमर से पूछताछ की गई थी। मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद है। मनी लांड्रिंग की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्तार के बेटे मऊ विधायक अब्बास अंसारी, पत्नी आफ्शा अंसारी के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया था।
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मनी लांड्रिंग की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्तार के बेटे मऊ विधायक अब्बास अंसारी, पत्नी आफ्शा अंसारी के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया था। अब्बास को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास को नोटिस भेजा था।
समन जारी होने के बाद अब्बास अपने अधिवक्ता के साथ शुक्रवार को सिविल लाइंस स्थित ईडी कार्यालय पहुंचे थे। वहीं अब्बास अंसारी के अधिवक्ता मो. फारुख ने बताया कि ईडी व पुलिस विधायक को अपने साथ लेकर चली गई। फिर दोबारा उन्हें ईडी दफ्तर लाया गया। उन्हें हिरासत में क्यों लिया गया, इसके बारे में कोई जानकारी अधिकारियों की ओर से नहीं दी गई है।
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