एक कहावत है कि जोड़ियां ऊपर वाला बनाता है, कहाँ-कब किसकी बन यह कोई जान नहीं सकता. कुछ ऐसा ही वाकया झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास के घर हुआ. बेटा ललित दास शादी लायक हो चुका था कई अमीर घरानों से रिश्ते आ रहे थे लेकिन ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था. ललित की शादी गुरुवार को एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार के घर की लड़की से हुई, यहां दिलचस्प बात यह है कि यह रिश्ता फेसबुक के जरिये आया था और इसी के जरिये बात आगे बढ़ी.
रायपुर की रहने वाली पूर्णिमा साहू उर्फ़ पीहू पेशे से पत्रकार हैं. वे रायपुर में ही एक निजी मीडिया कंपनी के वेबसाइट में काम करती हैं. पूर्णिमा के पिता भागीरथ साहू बिजनेसमैन हैं जबकि पूर्णिमा की मां कौशल्या पेश से टीचर हैं.
पीहू बताती हैं कि मेरी बड़ी मम्मी की देवरानी की बेटी की मैरिज रांची में हुई है, जिन्हें मैं दीदी कहती हूं. मेरे ससुर उनके मामा ससुर हैं. उन्हें छत्तीसगढ़ से ही बहू ही चाहिए थी. कई रिश्ते देखे पर बात नहीं बनी. उन्होंने कहा कि दीदी ने पहली बार फेसबुक पर मुझे देखा था, क्योंकि हम टच में नहीं थे. उन्होंने मैसेंजर से मैसेज किया. नॉर्मली बात होती रही. उन्होंने मेरे बड़े पापा से कहा कि पीहू के लिए रिश्ता है, उसके पेरेंट्स से बात कर लीजिए.
पीहू कहती हैं कि जब बड़े पापा ने रिश्ते की बात की पहले तो पेरेंट्स हड़बड़ा गए. क्योंकि इतने बड़े घर में रिश्ते की बात थी. हालांकि बात हुई और उनका परिवार मुझे देखने आया, हमारे यहां से भी लोग वहां गए. अपनी शादी को लेकर पीहू कहती हैं कि मैं ये नहीं सोच रही कि मैं सीएम के घर की बहू बनने जा रही हूं. बल्कि आमजन की तरह सोच रही हूं. मैं वहां जाकर भी वैसी ही रहूंगी जैसी यहां हूं. पहले की तरह गोलगप्पे खाऊंगी और साथ में जो होंगे उन्हें खिलाऊंगी.
बता दें कि ललित दास सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहते हैं. ललित रघुवर दास की दो संतानों में छोटे हैं. उनकी एक बहन है जिसकी शादी हो चुकी है.
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