लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले आगामी पंचायत चुनाव (Panchayat Elections) को लेकर कांग्रेस (Congress) ने अपनी रणनीति स्पष्ट कर दी है। राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के साथ हाल ही में बैठक के बाद कांग्रेस ने ऐलान किया कि इस बार वह चुनाव अकेले लड़ेगी और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के साथ गठबंधन नहीं करेगी।
यूपी प्रभारी ने किया ऐलान
कांग्रेस के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे ने यह निर्णय सार्वजनिक करते हुए कहा कि पार्टी इस बार पंचायत चुनाव में किसी अन्य पार्टी के साथ नहीं बल्कि अकेले मैदान में उतरेगी। यह कदम बिहार में हालिया हार के बाद कांग्रेस की नए सिरे से रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
सोनिया गांधी की मौजूदगी में हुई बैठक
इस संबंध में बुधवार को नई दिल्ली में 10, दनपथ स्थित सोनिया गांधी के आवास पर यूपी कांग्रेस की अहम बैठक आयोजित हुई। बैठक में यूपी प्रभारी अविनाश पांडे समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने हिस्सा लिया और यूपी पंचायत चुनाव में कांग्रेस की अलग चुनाव लड़ने की नीति को अंतिम रूप दिया।
क्या हो सकती है रणनीति ?
कांग्रेस 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले अपनी बारगेनिंग पावर बढ़ाने की कोशिश कर रही है। पंचायत चुनाव पार्टी सिंबल पर नहीं होते, इसलिए वह इसमें अच्छा प्रदर्शन करना चाहती है। वहीं, सपा एमएलसी चुनाव में कभी प्रभावशाली नहीं रही, क्योंकि यह वोटर लिस्ट पर निर्भर होता है। कांग्रेस आज भी कई जिलों में शिक्षक और स्नातक एमएलसी चुनाव में मजबूत है, जबकि सपा पढ़े-लिखे वोटरों के बीच प्रभाव नहीं बना पाई। कांग्रेस का लक्ष्य एमएलसी और पंचायत चुनाव जीतकर विधानसभा चुनाव से पहले अपनी ताकत दिखाना है।
















































