पिछले दिनों भीमा-कोरेगांव हिंसा के मामले में कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई के मामले में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि लोकतंत्र में सबको बोलने की, सब कुछ करने की आज़ादी है, लेकिन देश तोड़ने की इजाज़त नहीं दी जा सकती.
लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह ने लखनऊ में हिन्दुस्तान समाचारपत्र की ओर से आयोजित ‘हिन्दुस्तान शिखर समागम’ में कहा, ‘इस देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की बात है तो सरकार उसके लिए प्रतिबद्ध है.’
उन्होंने पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई के संबंध में कहा, ‘जिनकी गिरफ्तारी हुई है वो पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं. आरोप गंभीर हैं. किसी सरकार को गिराने की साज़िश रचना, हिंसा को बढ़ावा देने के लिए अपनी विचारधारा का सहारा लेना और सबसे बड़ी बात किसी देश को तोड़ने के लिए साज़िश रचना, मैं समझता हूं इससे बड़ा अपराध कुछ और नहीं हो सकता. इसलिए जो भी तथ्य सामने आए हैं उन्हीं तथ्यों पर महाराष्ट्र पुलिस ने कार्रवाई की है.’
सिंह ने कहा, ‘कार्रवाई के बाद मैंने वहां के मुख्यमंत्री से बात की और पूरी जानकारी हासिल की. मुख्यमंत्री ने बताया कि क्यों गिरफ्तारी की गई. अब मामला कोर्ट के विचाराधीन है.’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘प्रेशर कुकर को हम दबाने की कोशिश नही करेंगे. लोकतंत्र में सबको बोलने की आज़ादी है. सबको चलने की आज़ादी है. सब कुछ करने की आज़ादी है. लेकिन किसी को भी देश को तोड़ने की इजाज़त नहीं दी जा सकती है. हिंसा को बढ़ावा देने की आज़ादी नहीं दी जा सकती है.’ सिंह का ये बयान उच्चतम न्यायालय की पिछले दिनों आई टिप्पणी की पृष्ठभूमि में आया माना जा रहा है, जिसमें शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा था, ‘असहमति लोकतंत्र का सेफ्टी वाल्व है और अगर आप इन सेफ्टी वाल्व की इजाज़त नहीं देंगे तो ये फट जाएगा.’ सिंह ने कहा कि नक्सली 126 जिलों से सिमटकर 10-12 जिलों में रह गए हैं. लेकिन अब नक्सली दूसरा रास्ता अपना रहे हैं. वो शहरों में आ गए हैं. वो अपनी विचारधारा से लोगों को प्रभावित करने का काम कर रहे हैं, ये जानकारी एजेंसियों के ज़रिए प्राप्त हुई है.
उन्होंने पाकिस्तान के साथ संबंधों के सवाल पर कहा कि हम लोगों ने अच्छे रिश्तों के लिए सब कुछ किया, लेकिन मैं कहता हूं कि पाकिस्तान को अपनी हरकतों से बाज आना पड़ेगा. पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते मूल्यों और रुपए के गिरने के सवाल पर गृह मंत्री ने कहा कि बढ़ते पेट्रोल के दाम का विकल्प हम लोग निकाल लेंगे. उन्होंने कहा कि सिर्फ भारत की मुद्रा नहीं गिरी है. अन्य देशों की मुद्रा में भी गिरावट आई है. डॉलर के मुकाबले ये अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों के कारण हुआ है.
एससी-एसटी कानून को लेकर सामान्य वर्ग के लोगों की चिंताओं के सवाल पर राजनाथ सिंह ने कहा कि इससे किसी का उत्पीड़न नहीं हो रहा है, ना ही होगा. अगर इसका दुरुपयोग कहीं पर होगा तो राज्य सरकारें इस पर संज्ञान लेंगी. आने वाले चुनावों में इसके असर के सवाल पर उन्होंने कहा कि जनता बहुत समझदार है और कोई असर नहीं पड़ेगा.
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